हाइलाइट्स
- मानिकपुर की बरदहा नदी में भीषण बाढ़ आ गई है
- भयावह रूप 2004 के बाद एक बार फिर देखने को मिला
- मंदाकिनी किनारे फंसे 30 से अधिक श्रद्धालुओं का रेस्क्यू
Monsoon Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में मॉनसून ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। चित्रकूट और आसपास के क्षेत्रों में लगातार घंटे से अधिक की जोरदार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस मूसलाधार बारिश के कारण मंदाकिनी और मानिकपुर की बरदहा नदी में भीषण बाढ़ आ गई है, और दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। मंदाकिनी नदी का यह भयावह रूप 2004 के बाद एक बार फिर देखने को मिला है, जब जलस्तर इतना बढ़ गया कि पुल के ऊपर से पानी बहने लगा।
बाढ़ का कहर और जनहानि
चित्रकूट में मॉनसून के इस कहर ने एक ग्रामीण की जान ले ली। मानिकपुर के बेलहा नाले में बेलहा निवासी राजकिशोर बह गए, जिनका शव लगभग 100 मीटर दूर से ग्रामीणों ने निकाला। वहीं, मंदाकिनी किनारे फंसे 30 से अधिक श्रद्धालुओं को पुलिस और प्रशासन की मदद से सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला गया।
खतरे के निशान से ऊपर जलस्तर
मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशान 126.5 मीटर को भी पार कर गया है। बाढ़ का पानी 25 छोटे मंदिरों और 100 से अधिक दुकानों में घुस गया है। कई इलाकों में बड़े पैमाने पर जलभराव होने के कारण सड़कों पर नावें चल रही हैं। बरदहा नदी में बाढ़ आने से रपटे में पानी भर गया है, जिससे 10 से अधिक गांवों का संपर्क कट गया है। कल्याणपुर के पुल का एप्रोच मार्ग भी भारी बारिश के चलते बह गया है, जिससे लगभग 20 फीट का गड्ढा हो गया है। धवइया नाला ऊफनाने से छह गांवों का संपर्क भी कट गया है।
प्रशासनिक सक्रियता और बचाव कार्य
शुक्रवार की रात से लेकर शनिवार की सुबह दस बजे तक लगातार बारिश से मंदाकिनी और बरदहा नदी समेत क्षेत्र के 10 छोटे-बड़े नाले उफान पर आ गए। लगभग 20 किलोमीटर के दायरे में बाढ़ का असर स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। कल्याणपुर गांव में बने नए पुल के दोनों ओर के एप्रोच मार्ग बह जाने से कई गांव की बस्तियों में पानी भर गया है, और लोग अपनी छतों पर शरण लिए हुए हैं।
सावन माह होने के कारण रामघाट से लेकर मंदाकिनी किनारे 30 से अधिक श्रद्धालु बाढ़ में फंस गए थे, जिन्हें बाद में पुलिस की मदद से रेस्क्यू कर निकाला गया। बाढ़ की जानकारी होते ही मंडलायुक्त अजीत कुमार, डीआईजी राजेश एस, डीएम शिवशरणप्पा जीएन, और एसपी अरुण कुमार सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। सभी पुलों पर आवागमन रोकने के लिए पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं, और नदी के आसपास भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
नावों का सहारा और जनजीवन पर असर
पुलों और सड़कों पर आवागमन बंद होने के बाद इन इलाकों में आने-जाने के लिए नावों का सहारा लिया जा रहा है। इन्हीं नावों से नयागांव प्रमोदवन और जानकीकुंड में फंसे 30 श्रद्धालुओं को भी निकाला गया। रामघाट के बाहर बनी प्रमुख सड़क (जो यूपी-एमपी सीमा को मिलाती है) पर पानी भर जाने से आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया गया है। बाढ़ आने से पुरानी बाजार के पुल घाट और शंकर बाजार के सुंदरघाट पर बने मकानों की छतों के ऊपर तक पानी पहुंच गया है।
मत्तगजेंद्र नाथ मंदिर के पुजारी विपिन बिहारी तिवारी और तोतामुखी हनुमान मंदिर के महंत मोहित दास ने बताया कि रात 12 बजे से मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने लगा था, जिसके चलते मठ-मंदिरों सहित दुकानों के अंदर पानी घुस गया। मंदिरों की सीढ़ियों के ऊपर तक पानी भरा रहा, जिससे पुजारियों ने पूजा अर्चना बंद कर दी है। वहीं, घाट पर रोजाना स्नान करने वाले श्रद्धालु भी अब नहीं पहुंच रहे हैं।
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