भोपाल। प्रदेश में बीते तीन दिनों से मानसून शिथिल पड़ते जा रहा है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी वेदर सिस्टम नहीं होने के कारण मानसून में भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। लेकिन वातावरण में नमी के कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में हल्की बौझारों का सिलसिला बना हुआ है। वहीं प्रदेश के 44 जिलों में बारिश का कोटा लगभग पूरा हो चुका है। तापमान में लगातार बढ़ोतरी के चलते मौसम में भी इसका असर साफ देखने को मिल रहा है। प्रदेश के 8 जिले अभी बारिश को तरस रहे हैं। इन सब के बीच मौसम बिभाग ने अगले 24 घंटो में ग्वालियर-चंबल अंचल को छोड़कर भोपाल जबलपुर, उज्जैन, होशंगाबाद, इंदौर समेत कई इलाकों में बिजली की चमक गरज के साथ बारिश की संभावनाएं जताई है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार जुलाई माह में एक बार फिर से मानसून का आगमन हो सकता है।
इन शहरो में हो सकती है बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में 1 जुलाई से मानसून फिर से दस्तक दे सकता है। वहीं मौसम विज्ञानिकों ने अगले 24 घंटों में भोपाल जबलपुर, उज्जैन, होशंगाबाद, इंदौर समेत कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
इसलिए थम गई बारिश
प्रदेश के जिलों में अब तक औसत बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। हालांकि अभी भी 8 जिले बारिश को तरस रहे हैं। पन्ना, भिंड, ग्वालियर, श्यौपुर, धार, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन में अभी भी बारिश का लोगों को इंतजार है। मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश में मानसून के प्रवेश करने के बाद अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में प्रभावी वेदर सिस्टम नहीं बने हैं। इस वजह से मानसून को ऊर्जा नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते वातावरण में मौजूद नमी के कारण रुक-रुककर बरसात ही हो सकी है। वहीं मौसम विज्ञानियों ने बताया कि स्थानीय सिस्टम पर आधारित मौसम के कारण बारिश हो रही है।