भोपाल।प्रदेश में कुछ दिनों से मानसून (Monsoon)शिथिल पड़ गया है। कोई प्रभावी वेदर सिस्टम (weather system)नहीं होने के कारण बारिश भी लंबे समय से रूकी हुई है। जिसका असर फसलों पर साफ देखने को मिल रहा है। वहीं लंबे समय से बारिश ना होने के कारण किसानों की चिंता भी लगातार बढ़ती ही जा रही है। दरअसर बारिश ना होने की वजह से सोयाबीन समेत कई अन्य फसलों को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है। फसलों में पानी की कमी भी होने लगी है। जिसके चलते फसलें खराब होने का खतरा भी बढ़ने लगा है। फसलों को लेकर किसानों (farmers) की परेशानी भी बढ़ रही है। किसानों का कहना है कि अगर बारिश नहीं होती है तो इसका प्रभाव मौसमी फसलों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा। जो किसानों की आय पर भी प्रभाव डल सकती है।
कृषि विभाग ने दी सलह
कृषि विभाग (agriculture department)के वैज्ञानिकों ने किसानों को सलह देते हुए कहा कि जिस भी किसन ने सोयाबीन फसल की बोवनी नहीं की है, वह मेढ़ और नाली पद्घति से सोयाबीन फसल की बोवनी करें। जिससे सूखें और बारिश दोनों ही स्थिति में फसलों को बचाया जा सकता है।
दो दिन बाद बन रहे हैं बारिश के आसार
प्रदेश में 1 से 2 दिनों में मानसून ब्रेक खत्म होने वाला है। इसके बाद प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश (heavy rain)के आसार जताए जा रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में 7 जुलाई से एक बार फिर मानसून सक्रिय हो जाएगा। इसके बाद प्रदेश के कई जिलों में बादलों की चमक गरज के साथ झमाझम बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। 8 जुलाई से प्रदेश में जेत बारिश हो जाएगी। प्रदेश में 7 जुलाई के बाद से बंगाल की खाड़ी में मानसूनी गतिविधियां सक्रिय हो जाएगा।