Monsoon Session 2024: संसद में विपक्षी दलों द्वारा सर्वदलीय बैठक (Monsoon Session 2024) को बुलाया गया है। वहीं, सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने बैठक में कहा कि वह विपक्ष को डिप्टी स्पीकर की पोस्ट दिया जाएगा। कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक (Monsoon Session 2024) में नीट पेपर लीक का मुद्दा भी उठाया। वहीं, दूसरी और इंडिया गठबंधन की सहयोगी पार्टी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कांवड़ यात्रा रूट पर पहचान दिखाने का मुद्दा सर्वदलीय बैठक में सबके समक्ष उठाया है।
वाईएसआर कांग्रेस ने की सुरक्षा की मांग
जबकि वाईएसआर कांग्रेस ने टीडीपी सरकार (Monsoon Session 2024) पर आरोप लगाया है कि वह उनके नेताओं को राज्य में टार्गेट कर रहे हैं। इस कारण उन्होंने इस बैठक में सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है। वहीं, संसद में सर्वदीय बैठक पर राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि परंपरागत रूप से सर्वदलीय बैठक इसलिए आयोजित की जाती है ताकि सदन की कार्यवाही से जुड़े मुद्दों को हम यहां उठा सकें।
हम महंगाई, बेरोजगारी, पेपर लीक, चीन से जुड़े मुद्दों, संसद में मूर्तियां हटाने, किसान, मजदूर, मणिपुर, रेल दुर्घटवा जैसे मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं इसके लिए हमें सर्वदलीय बैठक को बुलाया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम नीट के मुद्दे पर भी चर्चा करने की कोशिश करेंगे।
सीबीआई कर रही है नीट पेपर लीक मामले की जांच
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष द्वारा नीट पेपर लीक मामला भी उठाया गया था। बता दें कि नीट पेपर लीग मामले की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में अब तक कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं नीट के बाद कांवड़ा यात्रा पर भी इस बैठक में विपक्ष के द्वारा बवाल मचाया गया। दरअसल, 22 जुलाई को सावन का पवित्र महीना शुरू हो रहा है।
22 जुलाई से श्रृद्धालु कांवड़ लेकर निकलेंगे और भगवान शिव जी का जलाभिषेक करेंगे। इस बीच यूपी सरकार ने सख्त आदेश दिए हैं कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर जो भी दुकाने, होटल या फिर खाने-पीने के ठेले होंगे उनपर दुकानदार का नाम होना जरूरी होगा। मतलब दुकानदारों को अपने ठेले या दुकान पर उनके नाम की नेमप्लेट लगाकर सहीं-सहीं जानकारी देना अनिवार्य होगा।
नेमप्लेट पर मचा बवाल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिनों पहले रास्ते में पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों और ठेलों पर मालिक वह इसे चलाने वाले का नाम लिखना अनिवार्य होगा इस तरह के आदेश दिए थे।
इस आदेश को देने के पीछे का उदेश्य कांवड़ यात्री यह जान सकें कि वह किस दुकान से सामान खरीदी कर रहे हैं। सीएम योगी के इस बयान के बाद विपक्ष हमलावर हो गया था और बयानबाजी कर रहा था। वहीं सर्वदलीय बैठक के दौरान भी इस मुद्दों को उठाया गया और जमकर बवाल किया।
दूसरी तरफ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ-साफ कहा था कि उनके राज्य में इस तरह के निर्देश पहले से ही लागू हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह फैसला 12 जुलाई को कांवड़ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा बैठक में लिया गया था। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में जारी आदेश के बाद इसे पूरे यूपी में लागू कर दिया गया था।