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MP Weather Update
Monsoon ki Vidai MP Weather Update: मध्यप्रदेश में मानसून ट्रफ और लो-प्रेशर एरिया के असर से बारिश का नया दौर शुरू हो गया है। कहीं हल्की तो कहीं तेज बरसात हो रही है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए यलो अलर्ट जारी किया है और चेतावनी दी है कि 1 अक्टूबर से नया सिस्टम बनने जा रहा है। इसके चलते दशहरे पर भी प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश होने की संभावना है।
प्रदेश दशहरे पर भी भीग सकते हैं लोग
मध्यप्रदेश में मानसून एक बार फिर रफ्तार पकड़ चुका है। मानसून ट्रफ और लो-प्रेशर एरिया के असर से प्रदेशभर में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश का दौर जारी है। सोमवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर सहित कई जिलों में बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने 24 घंटे के लिए पूरे प्रदेश में हल्की बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।
लोकल सिस्टम की वजह से कुछ जगहों पर झमाझम बारिश भी हो सकती है। खास बात यह है कि 1 अक्टूबर से नया मौसम तंत्र बनने जा रहा है, जिसके चलते 2 अक्टूबर को दशहरे पर भी पानी बरसने के आसार हैं। इसी कारण दशहरा समितियाँ रावण दहन के लिए पहले से ही सुरक्षा इंतज़ाम कर रही हैं।
रविवार को धार के मनावर और बड़वानी के सेंधवा इलाके में तेज बारिश से खेतों में पानी भर गया। सेंधवा में मक्के की फसल को नुकसान हुआ और एक कच्चा मकान भी ढह गया। वहीं नर्मदापुरम जिले में तवा डैम के 5 गेट खोलने पड़े। नरसिंहपुर में आधा इंच से ज्यादा पानी दर्ज किया गया, जबकि इंदौर, बैतूल, पचमढ़ी, रतलाम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, मंडला, जबलपुर, सागर और सिवनी जिलों में भी बारिश हुई।
इन जिलों में बारिश का यलो अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून ट्रफ और निम्न दबाव क्षेत्र के सक्रिय होने से अगले 24 घंटों में प्रदेशभर में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। दशहरे पर भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। 2 अक्टूबर को दशहरे के दिन भी बारिश की संभावना जताई जा रही है।
12 जिलों से मानसून विदा
प्रदेश के कुल 12 जिलों-ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम—से मानसून की विदाई हो चुकी है। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से भी मानसून लौट गया है। मौसम विभाग का कहना है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह से प्रदेशभर में मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी, लेकिन नया सिस्टम बनने की वजह से यह प्रक्रिया कुछ दिन और टल सकती है।
अब तक औसत से 122% ज्यादा बारिश
इस साल मानसून ने 16 जून को प्रदेश में दस्तक दी थी। अब तक औसतन 45 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य कोटा 37.2 इंच था। यानी इस बार 7.8 इंच ज्यादा पानी बरस चुका है।
गुना जिला इस बार सबसे आगे रहा, जहां 65.5 इंच बारिश दर्ज हुई।
मंडला और रायसेन में 62 इंच से ज्यादा, जबकि श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से अधिक पानी गिरा।
सबसे कम बारिश शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार में दर्ज हुई।
इंदौर संभाग में सुधरी स्थिति, उज्जैन अभी पीछे
मानसून (Monsoon ki Vidai) की शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे कमजोर रहे थे। इंदौर में तो हालात ऐसे थे कि सबसे कम बारिश दर्ज हुई थी, लेकिन सितंबर की तेज बरसात ने स्थिति संभाल ली और अब जिले ने सामान्य बारिश का आंकड़ा पूरा कर लिया है। हालांकि उज्जैन में अभी भी कोटा पूरा नहीं हुआ है।
ग्वालियर-चंबल और पूर्वी एमपी में बारिश का बोलबाला
जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में इस बार मानसून सबसे ज्यादा एक्टिव रहा। यहां कई बार बाढ़ जैसी स्थिति बनी। ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों में भी कोटे से ज्यादा बारिश हुई है।
बड़े शहरों का रिकॉर्ड
भोपाल: पिछले 4 साल से सितंबर का कोटा पार। 1961 में पूरे महीने 30 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी, जबकि 1947 में 24 घंटे में 9.2 इंच का रिकॉर्ड बना।
इंदौर: इस सितंबर में 30 इंच बारिश दर्ज, जो 1954 का ओवरऑल रिकॉर्ड है। आमतौर पर 8 दिन बरसात होती है, लेकिन इस बार 15 दिन से ज्यादा पानी गिरा।
ग्वालियर: 1990 में सितंबर में 25 इंच पानी गिरा था। 1988 में एक दिन में 12.5 इंच का रिकॉर्ड बना था। इस बार अगस्त तक ही औसत कोटा पूरा हो चुका था।
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