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हाइलाइट्स
6 जिलों में एंट्री कर चुका मानसून
48 घंटे में इन संभागों में एट्री करेगा मानसून
कृषि वैज्ञानिक की किसानों को सलाह
MP Monsoon 2024: मध्यप्रदेश में मानसून का इंतजार खत्म होता नजर आ रहा है। अगले 48 घंटे में भोपाल, इंदौर और जबलपुर समेत 8 जिलों में मानसून एंटर हो सकता है। आपको बता दें कि इससे पहले प्री-मानसूनी एक्टिविटी जारी रहेगी।
शुक्रवार को सिवनी, बालाघाट, पांढुर्णा, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में मानसून (MP Monsoon 2024) एंट्री कर चुका है। मौसम विभाग ने शनिवार को शाजापुर, राजगढ़ में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं ग्वालियर और दतिया में गर्मी का असर देखने को मिलेगा।
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6 जिलों में एंट्री कर चुका मानसून
वहीं गुरुवार-शुक्रवार की रात प्रदेश के 43 जिलों में बारिश हुई थी। राजधानी भोपाल के बैरागढ़ और संत हिरदाराम नगर में 5 घंटे में 4.8 इंच बारिश दर्ज की गई थी।
सीहोर में 4 इंच बारिश दर्ज की गई। इसके साथ ही इंदौर, उज्जैन, विदिशा, बालाघाट समेत अन्य जिलों में भी तेज और रिमझिम बारिश हुई। इसी बीच मानसून 6 जिलों में एंट्री कर चुका है।
48 घंटे में इन संभागों में एंट्री करेगा मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक, भोपाल, इंदौर और जबलपुर संभाग में मानसून 48 घंटे में एंट्री कर लेगा। इसके बाद अन्य जिलों में एंटर होगा। सबसे आखिरी में ग्वालियर-चंबल में पहुंच सकता है। मानसून धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा। अभी तक इसे लेकर पॉजिटिव फीडबैक मिल रहा है।
कई शहरों में लुढ़का पारा
शुक्रवार को भी भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, बैतूल, धार, खंडवा, मलाजखंड आदि शहर में बारिश हुई थी। इस वजह से दिन के तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई। भोपाल में टेम्प्रेचर 32.7 डिग्री, इंदौर में 31 डिग्री, ग्वालियर में 38.6 डिग्री, जबलपुर में 35.4 डिग्री और उज्जैन में पारा 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
सबसे ठंडा रहा पचमढ़ी
शुक्रवार को सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा। यहां का टेम्प्रेचर 30.8 डिग्री रहा। धार में 31.3 डिग्री और खंडवा में 31.5 डिग्री दर्ज किया गया। मंडला में सबसे ज्यादा 43.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
कृषि वैज्ञानिक की किसानों को सलाह
- कृषि वैज्ञानिक की किसानों को सलाह है कि वे 4 इंच बारिश होने के बाद ही बोवनी करें।
- पर्याप्त बारिश होने से पहले धान की नर्सरी के लिए खेत तैयार रखें। अगर हो सके तो रोपा डालकर तैयार रखें।
- जो किसान कपास और सोयाबीन की खेती करने वाले हैं, वे मानसून आने के बाद पर्याप्त बारिश होने के बाद ही बोवनी करें।
- अरहर की बुवाई के लिए खेतों के तैयार कर लें। ऐसे किसान जिनके पास सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो, वे हरी खाद के लिए मक्का की बोवनी करें।
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