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Modi Cabinet Decisions: मोदी कैबिनेट ने रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का वेतन दिवाली बोनस देने का ऐलान किया है। बुधवार, 24 सितंबर को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने एक बार फिर से बिहार के लिए अपना खजाना खोला है।
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कैबिनेट में उत्तरी बिहार में रेल कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए 104 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन का विस्तार करने का फैसला किया है। इससे बिहार और झारखंड के बीच रेल संपर्क और मजबूत होगा। इससे उत्तर बिहार का राजधानी पटना से रेल संपर्क बढ़ेगा।
इसके अलावा मोदी कैबिनेट ने शिप मैरिटाइम के क्षेत्र में 7000 करोड़ की लागत से नेशनल शिप बिल्डिंग मिशन बनाने का ऐलान किया है। कैबिनेट ने मेडिकल एजुकेशन में एमबीबीएस की 5023 सीटऔर पोस्ट ग्रेजुएट स्तर की करीब 5000 अतिरिक्त सीट बढ़ाने का फैसला भी किया है।
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रेलवे में कर्मचारियों की स्थिति और भर्ती
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मोदी कैबिनेट ने रेलवे कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। इसमें प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (PLB) को मंजूरी दे दी है। कुल 78 दिनों का बोनस स्वीकृत किया गया है। प्रत्येक कर्मचारी को अधिकतम 1866 रुपए का बोनस मिलेगा। इस फैसले से लगभग 10 लाख 90 हज़ार रेलवे कर्मचारियों को फायदा होगा। बोनस की यह राशि सीधे कर्मचारियों के खाते में भेजी जाएगी। इस कदम से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और रेलवे उत्पादन क्षमता में सुधार होगा। उत्पादन और संचालन के मामले में भारतीय रेलवे दुनिया में नंबर 2 पर पहुंच गया है।
रेलवे बख्तियारपुर राजकीय तिलैया लाइन की डबलिंग का फैसला
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रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कैबिनेट ने बिहार में बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया लाइन का डबलिंग प्रोजेक्ट मंजूर किया।
राजगीर-नालंदा-पावापुरी-बिहटा रेल लाइन को सिंगल से डबल लाइन में बदला जाएगा।
यह प्रोजेक्ट पटना और गया जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी देगा।
कुल लंबाई: 104 किलोमीटर
बजट: 2,192 करोड़ रुपये
| रेलवे प्रोजेक्ट | लोकेशन | लंबाई | बजट |
|---|---|---|---|
| बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया डबलिंग | बिहार | 104 km | 2,192 करोड़ रुपये |
शिक्षा और शोध क्षेत्र में बड़े फैसले
केंद्रीय कैबिनेट ने शोध और शिक्षा क्षेत्र के लिए 2,277 करोड़ रुपये की लागत से एक अम्ब्रेला स्कीम (Umbrella Scheme) शुरू करने का निर्णय लिया है।
इस स्कीम के तहत:
डॉक्टोरल और पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप प्रोग्राम
नॉलेज शेयरिंग सिम्पोज़ियम
लचीली योजना (Flexible Scheme) जिसमें रिसर्च स्कॉलरों को कई विकल्प मिलेंगे
इसके अलावा, 5,000 नई पोस्ट ग्रेजुएट सीटों को मंजूरी दी गई है, जिससे उच्च शिक्षा में अवसर और बढ़ेंगे।
| क्षेत्र | निर्णय / सुविधा | बजट / जानकारी |
|---|---|---|
| शिक्षा | नई पोस्ट ग्रेजुएट सीटें | 5,000 सीटें |
| शोध | Umbrella Scheme, फेलोशिप, सिम्पोजियम | 2,277 करोड़ रुपये |
| तकनीक | AI का प्रयोग और सर्वम मॉडल | इंडिया AI मिशन से जोड़ा जाएगा |
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार
केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में 15 से 35 करोड़ रुपये के बजट में अस्पतालों का आधुनिकीकरण और अपग्रेडेशन करने का निर्णय लिया है।
AI (Artificial Intelligence) का इस्तेमाल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए किया जाएगा।
सर्वम मॉडल (Sarvam Model) के तहत एक ही लेक्चर को कई भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।
रेलवे प्रोजेक्ट्स
रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कैबिनेट ने बिहार में बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया लाइन का डबलिंग प्रोजेक्ट मंजूर किया।
राजगीर-नालंदा-पावापुरी-बिहटा रेल लाइन को सिंगल से डबल लाइन में बदला जाएगा।
यह प्रोजेक्ट पटना और गया जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी देगा।
कुल लंबाई: 104 किलोमीटर
बजट: 2,192 करोड़ रुपये
शिप बिल्डिंग क्षेत्र में सुधार
केंद्रीय कैबिनेट ने शिपिंग और शिप बिल्डिंग क्षेत्र में बड़े सुधार और विकास के लिए 69,725 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर किया है। यह पैकेज अगले 10 वर्षों में लागू किया जाएगा और भारत की मैरिटाइम विरासत (Maritime Heritage) को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह कदम भारतीय शिप बिल्डिंग उद्योग को मजबूत करने और "विकसित भारत" के संकल्प को साकार करने की दिशा में अहम साबित होगा। शिप बिल्डिंग, जिसे “Mother of Heavy Engineering” कहा जाता है, देश की औद्योगिक प्रगति और नौवहन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस पैकेज के माध्यम से भारत न केवल अपने मैरिटाइम सेक्टर में वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा, बल्कि नौकरियों के अवसर और तकनीकी कौशल में सुधार भी सुनिश्चित करेगा।
नॉर्थ बिहार हाईवे प्रोजेक्ट से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
उत्तर बिहार हाईवे (साहेबगंज-बेतिया सेक्शन) की लंबाई 79 किलोमीटर है। इस हिस्से को फोर लेन किया जाएगा। पटना तक हाईवे को फोर लेन करने का काम पहले से ही चल रहा है। इस प्रोजेक्ट से क्षेत्र में ट्रैफिक दबाव कम होगा और यात्रा सुगम बनेगी। यह हाईवे बौद्ध सर्किट (वैशाली जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों) को जोड़ेगा। साथ ही, वालमिकी टाइगर रिज़र्व को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। परियोजना से उद्योगों की वृद्धि, व्यापार में तेजी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
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