Advertisment

भारत में मोबाइल नंबर 6, 7, 8 या 9 अंकों से ही क्यों शुरू होता है, 0,1,2,3,4 या 5 से क्यों नहीं?

भारत में मोबाइल नंबर 6, 7, 8 या 9 अंकों से ही क्यों शुरू होता है, 0,1,2,3,4 या 5 से क्यों नहीं? Mobile Number Starting Digit: Why mobile number in India starts with 6, 7, 8 or 9 digits, why not 0,1,2,3,4 or 5? nkp

author-image
Bansal Digital Desk
भारत में मोबाइल नंबर 6, 7, 8 या 9 अंकों से ही क्यों शुरू होता है, 0,1,2,3,4 या 5 से क्यों नहीं?

Mobile Number Starting Digit: भारत में मोबाइल नंबर 10 अंकों का होता है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता था। पहले यह 9 अंकों का हुआ करता था। लेकिन साल 2003 के बाद 9 अंकों के मोबाइल नंबर को बढ़ाकर 10 अंकों का कर दिया गया। अगर आप भारत के मोबाइल नंबर के शुरुआती अंकों को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि यह हमेशा 6, 7, 8 या 9 जैसे अंक से शुरू होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मोबाइल नंबर के शुरुआती अंक 0,1,2,3,4 या 5 से क्यों शुरू नहीं होता? ज्यादातर लोगों ने तो इस पर गौर भी नहीं किया होगा। तो आइए आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं।

Advertisment

1 से क्यों शुरू नहीं होते नंबर

1 से शुरू होने वाले अंकों के टेलीफोन नंबर आमतौर पर सरकारी सेवाओं से जुड़े होते हैं। जैसे-पुलिस, अग्निशमन सेवाएं, एम्बुलेंस आदि। इसी कारण से, भारत में व्यक्तिगत नंबर 1 से शुरू नहीं होते। वहीं 2,3,4 और 5 से शुरू होने वाले नंबर का इस्तेमाल लैंडलाइन फोन के लिए किया जाता है। यही कारण है कि मोबाइल नंबर के शुरूआती अंकों में इनका प्रयोग नहीं किया जाता है।

0 का यहां होता है इस्तेमाल

0 का भी उपयोग लैंडलाइन नंबरों के लिए STD कोड के रूप में किया जाता है। इसलिए, इसका उपयोग भी भारत में मोबाइल नंबर के शुरूआती अंकों के लिए नहीं किया जाता। हालांकि, यह जानकारी आधिकारिक तो नहीं है लेकिन हम इन्हें कारण मान सकते हैं। क्योंकि इसके अलावा और कोई कारण नजर नहीं आता।

इस कारण से 10 अंकों का होता है मोबाइल नंबर

वहीं भारत में 10 अंकों का मोबाइल नंबर होने के पीछे सरकार की राष्ट्रीय नंबरिंग योजना यानी NNP है। इसके अलावा दूसरा सबसे बड़ा कारण है भारत की जनसंख्या। आप भी सोच रहे होंगे कि ये कैसे हो सकता है। मान लिजिए कि देश में सिर्फ एक अंक का मोबाइल नंबर होता, तो जीरो से लकेर नौ तक यानी 10 नंबर ही अलग-अलग तरह से बनाए जा सकते थे। साथ ही उन 10 नंबरों का इस्तेमाल भी सिर्फ 10 लोग ही कर पाते। वहीं अगर 2 अंकों का होता तो 100 लोग उस नंबर को यूज कर पाते।

Advertisment

ये भी एक कारण है

जबकि वर्तमान में देश की आबाद 135 करोड़ है। अगर नौ नंबर का भी मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया जाता तो भविष्य में सभी लोगों को नंबर अलॉट नहीं किया जा सकता था। वहीं जब 10 अंकों का मोबाइल नंबर बनता है तो कैल्कुलेशन के हिसाब से एक हजार करोड़ अलग-अलग नंबर बनाए जा सकते हैं। यही कारण है भविष्य में नंबरों की बढ़ती मांग को देखते हुए 10 अंकों का मोबाइल नंबर कर दिया गया।

अब लैंडलाइन से 11 नंबर डायल करने होते हैं

वहीं 15 जनवरी 2021 से भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने लैंडलाइन से फोन लगाने पर नंबर के आगे शून्य लगाने का निर्देश दिया था। डायल करने के तरीके में इस बदलाव से दूरसंचार कंपनियों को मोबाइल सेवाओं के लिए 254.4 करोड़ अतिरिक्त नंबर तैयार करने की सुविधा मिलेगी।

airtel BSNL idea Jio mobile number Vodafone 63 series mobile number in india aadhar card link with mobile number charges aadhar card mobile number update form bindia area code 3-digit how many digits in mobile number in india india mobile number indian number link mobile number to aadhar card online at home mobile number check mobile number in hindi mobile number india new mobile number phone number format which state mobile number is this
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें