MP News: बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व अपने नेताओं को सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने की सलाह कई बार दे चुका है. बीजेपी ने ना सिर्फ फॉलोअर्स बढ़ाने के निर्देश दे रखे हैं, बल्कि जनता से जुड़े रहने की बात भी कहीं हैं. अब तक कई नेताओं ने इसका पालन भी किया है.
वैसे भी वर्तमान युग सोशल मीडिया का है. ऐसे में नेता सोशल मीडिया के जरिये जनता के बीच अपनी छवि को बेहतर बना सकते हैं. शायद बीजेपी का मानना भी यहीं है कि डिजिटल युग में सोशल मीडिया के जरिये जनप्रतिनिधि सीधे जनता से जुड़कर बेहतर संवाद स्थापित कर सकते हैं.
ताकि जनता भी नेताओं के चक्कर लगाने के बजाय सीधे सोशल मीडिया के जरिये अपनी समस्या बता सकें. लेकिन फिलहाल ऐसा होता दिख नहीं रहा है. क्योंकि मध्य प्रदेश बीजेपी के करीब 31 मंत्रियों में से 24 मंत्रियों ने ट्विटर अकाउंट के डीएम पर डिजिटल ताला लगा रखा है.
इससे साफ़ अंदाजा लगाया जा सकता है कि शायद मंत्रियों को जनता से संवाद करने का ये तरीका पसंद नहीं हैं. अगर मंत्री ही ट्विटर अकाउंट के डीएम पर डिजिटल ताला लगाकर रखेंगे. तो फिर जनता इन मंत्रियों से अपनी समस्याओं को लेकर सीधा संवाद कैसे कर पाएंगी.
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ट्विटर पर भी मंत्री सुनते हैं जनता की समस्याएं
हालांकि, इसमें गौर करने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित प्रदेश के ये सात मंत्री ट्विटर पर भी जनता की समस्याएं सुनते हैं. इन मंत्रियों में नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग, कमल पटेल, डॉक्टर मोहन यादव, विजय शाह और ओपीएस भदौरिया शामिल हैं.
सीएम शिवराज सहित इन सभी मंत्रियों ने ट्विटर पर डीएम का ऑप्शन खोल रखा है. ताकि कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या सोशल मीडिया के जरिये सरकार तक पहुंचा सकें.
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इन मंत्रियों के ट्विटर पर डीएम का ऑप्शन बंद
तो वहीं, जिन मंत्रियों ने अभी तक ट्विटर पर डीएम का ऑप्शन चालू नहीं किया है. उस लिस्ट में मंत्री गोपाल भार्गव, तुलसी सिलावट, जगदीश देवड़ा, बिसाहूलाल, यशोधरा राजे, भूपेंद्र सिंह, मीना सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, बृजेंद्र प्रताप सिंह, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह, प्रेम सिंह पटेल, ओमप्रकाश सखलेचा, उषा ठाकुर, अरविंद भदौरिया, हरदीप सिंह डंग, राज्यवर्धन सिंह, भरत सिंह कुशवाह, इंदर सिंह परमार, रामखेलावन पटेल, रामकिशोर कांवरे, बृजेन्द्र सिंह यादव और सुरेश धाकड़ शामिल हैं.
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