(गुना से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट)
भोपाल: हाथ पैरों से दिव्यांग युवा के जब लॉक डाउन की वजह से हौसले तार- तार होते दिखे तो उसने पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया से मदद की गुहार लगाई। जब अपने इरादे मंत्री के समक्ष रखे तो मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का भी दिल पसीज गया। उन्होंने युवा की एमपीपीएससी की तैयारी एवं पढ़ाई कराने के लिए अपनी ओर से मदद दी। हर महीने मदद पहुंचती रही। युवा तैयारी में जुटा रहा। पीएससी के साथ ही दूसरे एग्जाम भी फाइट करता रहा। इसी बीच हाल ही में भारतीय डाक विभाग द्वारा उसे पोस्ट मास्टर के पद पर चयनित किया। जॉइनिंग लेटर हाथ में पाकर वह इतना खुश है कि बारंबार वह मंत्री सिसोदिया के शुक्रिया कर रहा है।
युवक ने मंत्री का जताया आभार
युवक ने मंत्री सिसोदिया को धन्यवाद दिया और कहा कि मंत्री सिसोदिया ने मेरी मदद एक पालक की तरह की है। मैं अभी भी पीएससी की तैयारी में जुटा हूं। उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और मैं उनके भरोसे के अनुसार और भी बड़ी पोस्ट पाकर रहूंगा। युवा ने बताया, लॉक डाउन की वजह से जहां माता पिता को मजदूरी मिलना मुश्किल हुई तो पढ़ाई पर भी ब्रेक लगता दिखा। इसी बीच मैं पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया से मिलने जा पहुंचा। उन्होंने मेरी लगन देखकर मेरी मदद करने का भरोसा दिया और हर महीने मदद भेजी।
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पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के साथ चयनित युवक
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युवक का संघर्ष उसी की जुबानी
युवक ने पांचवी क्लास तक सरकारी स्कूल रतवा जिला धार में पढ़ाई की। इसके बाद 12वीं लाहौरी धार से अध्ययन किया। आदिवासी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की। वर्तमान में भोपाल से बीटेक की पढ़ाई कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मंत्री सिसोदिया जहां सहरिया-आदिवासी वर्ग के लोगों के दुख सुख में खड़े रहते हैं। वहीं जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई में भी आगे आकर मदद कर रहे हैं । उसका नतीजा यह है कि नौजवान परीक्षा में चयनित होकर अपने जिले अपने माता-पिता का नाम रोशन कर रहे हैं।
मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
उधर पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने इस युवक की सफलता पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जीवन की कहावत है, खुद के कुछ काम आओ न आओ, जीवन में किसी का एक आंसू भी पोंछ सके तो उससे बड़ा कोई काम नहीं है। लॉकडाउन में जब जीवन मरण का प्रश्न खड़ा हो गया था, ऐसे में यह बालक, जिसे मैं जानता नहीं था। इस विश्वास के साथ आया कि मंत्री मेरी मदद करेंगे और मैंने उसकी मदद की और आज यह मेहनत से पोस्ट मास्टर बना है। मेरा कहना है कि आप इसी तरह तैयारी करते रहें। आप पीएससी में चयनित होकर डिप्टी कलेक्टर बने और एक समय गुना कलेक्टर बन कर आएं, इससे बड़ा मेरे लिए कोई सौभाग्य नहीं होगा। कोई माने ना माने। इसी तरह मेरे नेता कैलाशवासी महाराज साहब माधवराव सिंधिया मदद करते थे और मेरे नेता महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया करते हैं। जन सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है।