Indira Gandhi: इंदिरा गांधी को उनके पूरे जीवन में कई चीजों के रूप में जाना जाता है। वह जवाहरलाल नेहरू की बेटी और भारतीय इतिहास के दौरान सबसे ज्यादा याद किए जाने वाले नामों में से एक है। जानकारी के अनुसार, इंदिरा गांधी आडवाणी के मंत्रिमंडल में मंत्री बनने से लेकर, पहला परमाणु परीक्षण कराने तक आदि कई काम उन्होंने किया था। आईए जानते है उनसे जुड़ी कुछ अनजान किस्से को बारें में।
ब्रिटिश खिलौने जलाए
बता दें कि अपने पिता और बाकी देश को ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष करते देख इंदिरा का चरित्र काफी मजबूत हो गया था। छोटी उम्र से ही उन्होंने ब्रिटिश सामानों को अस्वीकार करना सीख लिया था, क्योंकि उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें स्वीकार करने से उनकी अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। वह अपनी खुद की गुड़ियों को जलाने के लिए जानी जाती है क्योंकि वे इंग्लैंड में बनाई गई थीं।
पीएम ऑफिस में P.A के रूप में काम किया
कहा जाता है कि जब उनके पिता जवाहरलाल नेहरू ने पीएम पद संभाला था, तब वह एक युवा लड़की थीं। हालांकि, नेहरू ने उज्ज्वल चरित्र और बुद्धि के कारण इंदिरा को अपने पहले P.A के रूप में सेवा देने के लिए चुना था।
लालकृष्ण आडवाणी मंत्रिमंडल में मंत्री
जानकारी के अनुसार, प्रधान मंत्री की भूमिका निभाने से पहले, उन्होंने सूचना और प्रसारण विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया था। उन्हें लालकृष्ण आडवाणी के मंत्रिमंडल के दौरान एक छोटी अवधि के लिए ये मौका मिला था।
अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ दुश्मनी
यह भी कहा जाता है कि जब इंदिरा गांधी पीएम की कुर्सी पर थी, तब उन्होंने सोवियत संघ के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया था। जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने समझौते से चिढ़ते हुए इंदिरा गांधी को ‘पुरानी चुड़ैल’ कह दिया था। यह उस वक्त हुआ था जब अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच अपना सहयोगी चुनने की कोशिश कर रहा था।
पहला परमाणु परीक्षण
इसमें कोई संदेह नहीं है कि इंदिरा गांधी कई विविध क्षेत्रों में दूरदर्शी सोच की थीं। यही वजह है कि उन्होंने भारत को वैश्विक परमाणु शक्ति बनाने की दिशा में पहला कदम उठाया था। इसका परिणाम यह हुआ कि पोखरण में स्माइलिंग बुद्धा नामक परमाणु बम का सफल परीक्षण किया गया। जो कि काफी गोपनीय तरीके से किया गया था। बाद में साल 1998 में बाजपेयी की सरकार में लगातार 3 परमाणु विस्फोट कर भारत के परमाणु शक्ति होने का सबूत दे दिया।
अपनी पार्टी
हर कोई इंदिरा गांधी को INC के चेहरे के रूप में जानता है। लेकिन क्या आप जानते है कि साल 1978 में उन्होंने INC से अलग होकर अपनी एक अलग पार्टी बनाई थी। इसे ‘कांग्रेस (I)’ कहा गया, जिसमें ‘I’ इंदिरा को दर्शाता है। हालांकि साल 1980 के लोकसभा चुनावों में उनकी जीत हुईं, लेकिन उनके निधन के बाद पार्टी खत्म हो गई। वह भारत में दूसरी सबसे लंबी प्रधान मंत्री के पद पर रहने वाली नेता है। साल 1984 में उनके निजी बॉडीगार्ड्स ने उन्हें गोली मार दी थी।