मनीला। (एपी) फिलीपीन में सेना के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद पांच और शव मिलने के साथ ही मृतकों की संख्या 50 हो गयी है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। यह देश की वायु सेना के इतिहास में सबसे भीषण हादसा है। उन्होंने बताया कि लॉकहीड सी-130 विमान पर 96 सैन्यकर्मी सवार थे। सुलु प्रांत के जोलो हवाई अड्डे पर रविवार को उतरते समय रनवे के बाहर नारियल के खेत में यह विमान हादसे का शिकार हो गया। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने और उसमें आग लगने से पहले कुछ सैनिकों को विमान से कूदते देखा गया। सेना के जवानों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मियों ने 49 सैन्यकर्मियों को बचा लिया। हादसे के समय जमीन पर गिरते समय विमान की चपेट में सात लोग आए जिनमें से तीन की मौत हो गई।
Philippines' plane crash kills 47, injures 49; probe ordered https://t.co/uyAe7mtaML pic.twitter.com/NkCJnB9oMo
— Reuters (@Reuters) July 5, 2021
हादसे का शिकार हुआ लॉकहीड सी-130 हरक्यूलिस फिलीपीन को सैन्य सहायता के रूप में इस साल सौंपे गए अमेरिकी वायु सेना के दो विमानों में से एक था। इस विमान में सवार सैनिकों को ‘अबु सैय्याफ’ संगठन के आतंकवादियों से लड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। ये सैनिक दक्षिणी कागायन डी ओरो शहर में विमान में सवार हुए थे और सुलु जा रहे थे। विमान किस वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुआ, इसका कारण पता नहीं चल पाया है और इसके ‘ब्लैक बॉक्स’ की तलाश की जा रही है। क्षेत्रीय सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल कोलेटो विनलुआन ने बताया कि इस बात की संभावना नहीं है कि विमान पर शत्रुओं ने हमला किया हो। सैन्य प्रमुख जनरल किरीलिटो सोबेजाना ने रविवार को बताया कि विमान संभवत: रनवे से आगे निकल गया।
वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि जोलो रनवे देश के अन्य रनवे की तुलना में छोटा है और यदि वहां एक निश्चित स्थान पर विमान नहीं उतर पाता है तो पायलट के लिए उसे नियंत्रित करना कठिन हो जाता है। राष्ट्रपति रोड्रिगो दुर्तेते ने 2018 में सुलु में सेना की मौजूदगी का विस्तार किया और अबु सैय्याफ आतंकी संगठन को खत्म करने के लिए अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की थी। अमेरिका और फिलीपीन ने बमबारी, फिरौती के लिए अपहरण करने और सिर कलम करने के मामलों के कारण अबु सैय्याफ को काली सूची में डाल दिया है। फिलीपीन की वायु सेना के इतिहास में इससे पहले सबसे भीषण दुर्घटना 1971 में हुई थी जब एक विमान धान के खेत में हादसे का शिकार हो गया था। उस घटना में 40 सैन्यकर्मियों की मौत हो गयी थी।