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खेती में भी AI टेक्नोलॉजी: ये डिवाइस किसानों को बताएगा कब करनी है सिंचाई, खेत के तापमान, नमी और मौसम की भी देगा जानकारी

Microsoft AI Technology for Farmers, Farm of the Future Project: जानिए कैसे "फार्म ऑफ द फ्यूचर" प्रोजेक्ट खेती को बदल रहा है।

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Shashank Kumar
Microsoft AI Technology for Farmers

Microsoft AI Technology for Farmers: खेती की पारंपरिक तस्वीर अब बदल रही है। जलवायु परिवर्तन और मौसम के बदलते मिजाज ने किसानों के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं। लेकिन, अब AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक किसानों की मदद कर रही है।

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महाराष्ट्र के किसानों ने इस तकनीक को अपनाकर खेती को एक नई दिशा दी है। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने हाल ही में बताया कि कैसे AI तकनीक भारतीय किसानों के लिए (Microsoft AI Technology for Farmers) मददगार साबित हो रही है।  

क्या है "फार्म ऑफ द फ्यूचर" प्रोजेक्ट? (Farm of the Future Project)

Farm of the Future Project

दरअसल, जनवरी 2024 में, ADT बारामती ने "फार्म ऑफ द फ्यूचर" नामक एक प्रोजेक्ट शुरू किया। इस प्रोजेक्ट के तहत, AI तकनीक का इस्तेमाल करके गन्ना, टमाटर, भिंडी जैसी फसलों की खेती की जा रही है।

इस प्रोजेक्ट में 20,000 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिनमें से 1,000 किसानों को पहले चरण में चुना गया। इनमें से 200 किसानों ने 2024 के मध्य से AI की मदद से खेती शुरू की है।  

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कैसे काम करती है ये तकनीक? 

इस प्रोजेक्ट में, खेतों में वेदर स्टेशन और सेंसर लगाए गए हैं। ये सेंसर मिट्टी की नमी, पीएच लेवल, और पोषक तत्वों के स्तर को मापते हैं। इस डेटा को सेटेलाइट और ड्रोन से मिली तस्वीरों के साथ जोड़कर एनालाइज किया जाता है। इसके बाद, किसानों को मोबाइल ऐप के जरिए दैनिक अलर्ट भेजे जाते हैं, जिनमें सिंचाई, उर्वरक और कीटनाशक के बारे में सलाह दी जाती है।  

AI और Generative AI का क्या है रोल?

 Microsoft Kisan Madad

माइक्रोसॉफ्ट का Azure Data Manager for Agriculture प्लेटफॉर्म मौसम, मिट्टी और अन्य डेटा को इकट्ठा करता है। इसके साथ ही, Generative AI तकनीक किसानों को तकनीकी जानकारी को सरल भाषा में समझाती है। यह जानकारी हिंदी, मराठी और अंग्रेजी जैसी भाषाओं में उपलब्ध है। इससे किसानों को फसल की पूरी लाइफ साइकिल का प्लान मिल जाता है।  

किसानों को कैसे मिल रहा है फायदा? 

इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाले किसानों ने बताया कि उनकी फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता में बढ़ोतरी हुई है। गन्ने की फसल में 30-40% तक वजन और 20% तक चीनी की मात्रा बढ़ी है। साथ ही, फसल का चक्र 18 महीने से घटकर 12 महीने रह गया है। इससे किसानों को समय और लागत दोनों की बचत हो रही है।  

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भविष्य में क्या है संभावनाएं? 

माइक्रोसॉफ्ट का मानना है कि भारत में AI और डेटा के जरिए कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति आने वाली है। महाराष्ट्र के अलावा, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश की सरकारें भी इस तकनीक को अपनाने पर विचार कर रही हैं। 2025 तक, यह सिस्टम और भी सटीक हो जाएगा, जिससे किसानों को और बेहतर नतीजे मिलेंगे। 

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