Mental Health: काम के बाद थकान महसूस होना सामान्य बात है, लेकिन एनर्जी लेवल कम होने के बाद भी शरीर की क्षमता से अधिक काम करने की जिद तनाव (Tension) का कारण बनने लगती है। इसका असर काम की गुणवत्ता के अलावा मानसिक स्वास्थ्य (Mental health) पर भी देखने को मिलता है।
काम का दबाव बढ़ने से व्यक्ति को तनाव समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मनोवैज्ञानिकों (Psychologists) के अनुसार, वर्कप्लेस पर खुशनुमा माहौल न होने और लगातार थकान महसूस होने से चिंता और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
इस तरह काम का बोझ मानसिक स्वास्थ्य को करता है खराब
- बिना ब्रेक लिए लगातार काम करने से व्यक्ति अत्यधिक बोझ (heavy load) महसूस करता है। जिसके कारण किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। कार्य प्रोडक्टिविटी अनबैलेंस (work productivity imbalance) हो जाती है और घबराहट का सामना करना पड़ता है।
- हर वक्त थकान और आलस्य से जूझना पड़ता है। जिन लोगों पर अधिक काम का बोझ होता है, वे काम के कारण खाना छोड़ना शुरू कर देते हैं, जिससे शरीर कमजोर होने लगता है। जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य (mental health) पर बुरा असर पड़ने लगता है।
यह भी पढ़ें-Diwali 2024 Facts: दीपावली से जुड़ी वे बातें, जो नहीं जानते होंगे आप, पुराणों से जुड़ी है मान्यता
Advertisements
- काम के बोझ के कारण लोग कोई भी काम पूरा नहीं कर पाते और आज के काम को कल पर टालने लगते हैं। वर्कलोड अधिक (workload ) होने के कारण कार्य की प्राथमिकता (Priority) तय नहीं कर पा रहे हैं। इसका असर ओवरऑल परफॉर्मेंस पर पड़ता है. तो तनाव बढ़ने लगता है.
- ऐसे लोग हर पल काम के कारण तनाव से घिरे रहते हैं। इससे उसके विचारों पर असर पड़ता है और नकारात्मकता (negativity) उसे घेर लेती है और वह डिप्रेशन और चिंता का शिकार हो जाता है।
- बिना वजह लोगों से दूरी बनाए रखना और खुद को सही साबित करना ओवरलोड (overload) को दर्शाता है। जो लोग खुद को अलग और श्रेष्ठ साबित करते हैं वे अक्सर ओवरलोड (overload) का शिकार हो जाते हैं।
- ऐसे लोग खुद को अलग-थलग करने लगते हैं, जिससे उनका सामाजिक दायरा कम होने लगता है और मानसिक स्वास्थ्य भी ख़राब होने लगता है।
ओवरलोड से बचने के उपाय
- अपने काम की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाने के लिए प्राथमिकताएं (Preferences)निर्धारित करें। जिससे व्यक्ति आसानी से जरूरी काम पहले निपटाने में लग जाता है, जिससे अनावश्यक थकान और तनाव (Unnecessary fatigue and stress) से बचाव होता है।
- अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही कार्य करें। इससे काम की गुणवत्ता (quality) में सुधार हो सकता है. काम के दौरान दिन में ब्रेक लें और सप्ताहांत में अपने लिए समय निकालें और टहलने जाएं।
- जब आप काम के दौरान दूसरों से मिलते-जुलते हैं और बातचीत करते हैं, तो इससे दिमाग को आराम मिलता है, जिससे तनाव और डिप्रेशन (depression) से बचने में मदद मिलती है। इससे दिमाग को आराम मिलता है.
- पौष्टिक आहार (nutritious food) का सेवन करने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और भूलने की बीमारी से राहत मिलती है।
- अपने मन में हर पल चलने वाले विचारों से छुटकारा पाने के लिए ध्यान करें। इससे मानसिक शांति (mantle piece) मिलती है और मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहता है।
यह भी पढ़ें-Diwali 2024 Amavasya Muhurat: 1 नवंबर को सूर्यास्त के पहले समाप्त हो जाएगी अमावस तिथि, तो कब मनेगी दीपावली