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औरंगाबाद। केंद्र ने स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए देश में 157 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का फैसला किया है, लेकिन कुछ राज्यों में जमीन की उपलब्धता जैसे मुद्दों के कारण ये परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। केंद्रीय मंत्री भारती पवार ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अवसंरचनाओं में सुधार करने के लिए पिछड़े जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी। मंत्री ने शुक्रवार रात को औरंगाबाद में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “केंद्र सरकार ने पिछड़े जिलों को प्राथमिकता दी है और हम वहां काम कर रहे हैं। हम 157 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित कर रहे हैं। सरकार एम्स की संख्या छह से बढ़ाकर 22 करेगी। ये समयबद्ध परियोजनाएं हैं।
लगभग 23,000 करोड़ रुपये की निधि जारी की
लेकिन कई राज्यों में इन परियोजनाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ राज्यों में ये परियोजनाएं भूमि की अनुपलब्धता के कारण लंबित हैं। एक-दो साल की अवधि के लिए काम बंद हो जाता है। लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा नहीं है।' उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार निधि के साथ सुविधाएं मंजूर कर रही है लेकिन कुछ समस्याएं बनी हुई हैं।पवार ने कहा, “केंद्र सरकार ने कोविड आपातकालीन राहत योजना के दूसरे चरण के तहत लगभग 23,000 करोड़ रुपये की निधि जारी की है और संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए महाराष्ट्र को भी इसका अच्छा हिस्सा मिला है।” मंत्री ने यह भी कहा कि चिकित्सकीय ऑक्सीजन का उत्पादन करने की क्षमता बढ़ाने को प्राथमिकता दी गई थी क्योंकि इस जीवन रक्षक गैस की आवश्यकता महामारी की दूसरी लहर में बहुत ज्यादा बढ़ गई थी।
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