National Doctors Day 2024: हर किसी का सपना 12 वीं पास करके अच्छी फील्ड में करियर बनाना होता है. भारत में मेडिकल एजुकेशन का खर्चा बाकी देशों की तुलना में बहुत ज्यादा है. जानकारी की माने तो भारत में MBBS की पढ़ाई का खर्च लगभग 50 लाख से 1.5 करोड़ रूपए है.
इसी वजह से भारत के छात्र MBBS करने के लिए अन्य देशों में जाते हैं. बता दें रूस, यूक्रेन, बांग्लादेश, नेपाल, यूक्रेन जैसे देशों में भारतीय छात्र MBBS की पढ़ाई करना पसंद करते हैं. अन्य देशों की बात करें तो यहां पर MBBS की पढ़ाई 3 LPA से शुरू होती है.
जैसे-जैसे मेडिकल फ़ील्ड बड़ी होती जा रही है वैसे-वैसे भारतीय छात्र विदेशों में MBBS की पढ़ाई के लिए जा रहें हैं.
अन्य देशों में कितनी है फीस
विदेश में भारत की तुलना में एमबीबीएस की फीस में कई चीजों के चार्ज शामिल होते हैं. जिसमें ट्यूशन फीस, रहने का खर्च, वीजा फीस, ट्रेवल एक्स्पेंसेस और बाकि के खर्च शामिल है. ट्यूशन फीस एमबीबीएस का मुख्य हिस्सा होता है.
जो देश और संस्थान की प्रतिष्ठा और कोर्स की ड्यूरेशन के आधार पर होता है. इसके अलावा छात्रों को हेल्थ इन्शौरेंस, एग्जाम फीस और जैसे एक्स्ट्रा चार्जेस भी लगता है. भारत की तुलना में अन्य देशों में MBBS की फीस कम है.
रूस 2.14 लाख रुपये (ट्यूशन) और 42,800 रुपये (रहने का खर्च) पर सबसे आप्शन देता है. बांग्लादेश 9.37 लाख रुपये, फिलीपींस 12-18 लाख रुपये, यूक्रेन 20-30 लाख रुपये, चीन 15 लाख रुपये और किर्गिस्तान 10-15 लाख रुपये लेता है.
इसके अलावा भारत के निजी मेडिकल कॉलेज 50 लाख रुपये से लेकर 1.5 करोड़ रुपये तक की अत्यधिक फीस लेते हैं. यह असमानता सस्ती चिकित्सा शिक्षा चाहने वाले भारतीय छात्रों के लिए विदेशी देशों को आकर्षक विकल्प बनाती है. ये देश क्वालिटी एजुकेशन, ग्लोबल रिकग्निशन और कम वित्तीय बोझ को कम करता है.
इन देशों में है इतनी फीस
MBBS की पढ़ाई का खर्च अन्य देशों में अलग-अलग है. आप नीचे दी गई लिस्ट में देख सकते हैं.
यूएसए में एमबीबीएस: 1,10,00,000 रुपये – 1,83,00,000 रुपये
यूके में एमबीबीएस: 20,00,000 रुपये – 50,00,000 रुपये प्रति वर्ष
ऑस्ट्रेलिया में एमबीबीएस: 25,00,000 रुपये – 40,00,000 रुपये प्रति वर्ष
कनाडा में एमबीबीएस: 10,00,000 रुपये – 25,00,000 रुपये प्रति वर्ष
रूस में एमबीबीएस: 2,10,000 रुपये – 4,90,000 रुपये प्रति वर्ष
चीन में एमबीबीएस: 2,10,000 रुपये – 7,00,000 रुपये प्रति वर्ष
यूक्रेन में एमबीबीएस: 2,10,000 रुपये – 4,20,000 रुपये प्रति वर्ष
फिलीपींस में एमबीबीएस: 1,40,000 – INR 3,50,000 प्रति वर्ष
जर्मनी में MBBS: पब्लिक विश्वविद्यालयों के लिए कोई ट्यूशन फीस नहीं; निजी विश्वविद्यालय प्रति वर्ष INR 16,50,000 तक ले सकते हैं.
जॉर्जिया में MBBS: INR 2,10,000 – INR 4,20,000 प्रति वर्ष
क्यों भारत में महंगी है MBBS फीस
कई डीम्ड विश्वविद्यालय एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए बहुत अधिक शुल्क लेते हैं, कुछ तो 25 लाख रुपये या उससे भी अधिक शुल्क लेते हैं.
निजी कॉलेज एमबीबीएस के लिए बहुत अधिक फीस लेते हैं, कुछ कॉलेज पूरे कोर्स के लिए 1.4 करोड़ रुपये तक लेते हैं.
शहरी क्षेत्रों के कॉलेज, विशेष रूप से मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में, ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों की तुलना में अधिक फीस लेते हैं.
सरकार निजी कॉलेजों की फीस को विनियमित नहीं करती है, इसलिए वे जितना चाहें उतना फीस लेने के लिए स्वतंत्र हैं.
भारत में एमबीबीएस सीटों की उच्च मांग है, इसलिए कॉलेज उच्च फीस ले सकते हैं.
सरकारी कॉलेजों में सीमित सीटें उपलब्ध हैं, इसलिए जिन छात्रों को सरकारी कॉलेज में सीट नहीं मिलती है उन्हें निजी कॉलेजों का विकल्प चुनना पड़ता है, जो अधिक महंगे होते हैं.
कुछ कॉलेज छात्रावास शुल्क, भोजन और ट्रेवल जैसी चीजों के लिए अतिरिक्त फीस लेते हैं.
कुछ कॉलेज दान फीस लेते हैं, जो 50 लाख रुपये या उससे अधिक तक हो सकता है.