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लखनऊ। प्रदेश में कई विधायकों और मंत्रियों के पाला बदलने की पृष्ठभूमि में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने शनिवार को कहा कि दल-बदल कानून को बहुत सख्त बनाने की जरूरत है Mayawati on anti defection law।
सपा पर लगाया दलित विरोधी होने का आरोप
समजावादी पार्टी (सपा) पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा की सपा ने सत्ता में आते ही संत रविदास नगर का नाम फिर से भदोही कर दिया था। यह उसका दलित विरोधी रवैया नहीं तो क्या है? मायावती ने शनिवार को अपने जन्मदिन पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देश में चुनाव के नजदीक आते ही स्वार्थी किस्म के लोगों का दल-बदल करने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इसे ध्यान में रखकर अब दल-बदल कानून को सख्त बनाने की जरूरत हैं क्योंकि इससे हमारे लोकतंत्र पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बसपा प्रमुख ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस समाजवादी पार्टी ने दलितों की सरकारी नौकरी में पदोन्नति को लेकर लाए गये विधेयक को राज्यसभा में फाड़कर फेंक दिया था और इस विधेयक को पारित नहीं होने दिया था। वह कैसे दलित हितैषी पार्टी हो सकती हैं।
सपा ने टिकट बंटवारे में की मुस्लमानों की उपेक्षा- मायावती
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के शुक्रवार को सपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था। समाजवादी और आंबेडकरवादी साथ आ गये तो अब हमें सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता। मायावती ने आरोप लगाया कि सपा ने सत्ता में रहते हुए पिछड़े वर्ग में केवल अपने यादव समाज का ही ध्यान रखा है। जबकि बसपा के शासन में दलितों के साथ साथ यादव समेत सभी पिछड़ी जातियों के विकास और उत्थान का बराबर ध्यान रखा गया। मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा इनके शासन में हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को तोड़ा गया। चुनाव में मुसलमानों का वोट तो जरूर लिया। लेकिन टिकट बंटवारे और सरकार में भागीदारी देने के मामले में मुसलमानों की उपेक्षा ही की है। इस बार भी सपा की जारी की गयी पहली सूची में टिकट वितरण में मुस्लिम समाज की उपेक्षा की गयी है। जबकि बसपा ने हर चुनाव में खासकर मुस्लिम बहुल वाले क्षेत्रों में मुस्लिम समाज को उचित भागदारी दी है। इसके अलावा बसपा ने उच्च जाति सहित सभी वर्गों के हित एवं कल्याण का भी पूरा पूरा ध्यान रखा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य पर साधा निशाना
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दावा किया था कि उन्होंने मायावती को मुख्यमंत्री बनवाया। मौर्य के इस दावे पर बसपा सुप्रीमो ने कहा कि वह मुझे क्या मुख्यमंत्री बनवाएंगे। बसपा में आने के बाद उनकी किस्मत खुली और वह विधायक बने। पांच साल तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोग उन्हें ढोते रहे। उन्होंने भरोसा जताया कि 2007 की तरह बहुजन समाज पार्टी एक बार फिर सत्ता में लौटेगी और ओपीनियन पोल और चुनाव पूर्व सर्वेक्षण धरा का धरा रह जाएगा। उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद और राज्यसभा सदस्य सतीश मिश्रा के पुत्र कपिल मिश्रा की तारीफ करते हुए कहा कि ये लोग युवाओं के बीच पार्टी को मजूबत कर रहे हैं और इस बार युवा भी पार्टी को समर्थन करेंगे। बसपा 15 जनवरी को मायावती के जन्मदिन को ‘जनकल्याणकारी दिवस’ के रूप में मनाती है। इस अवसर पर उन्होंने अपनी पुस्तकों का विमोचन भी किया।
प्रदेश में होगा सात चरणों में मतदान
उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है। इसकी शुरुआत 10 फरवरी को राज्य के पश्चिमी हिस्से के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान के साथ होगी। दूसरे चरण में 14 फरवरी को राज्य की 55 सीटों पर मतदान होगा। उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण में 59 सीटों पर, 23 फरवरी को चौथे चरण में 60 सीटों पर, 27 फरवरी को पांचवें चरण में 60 सीटों पर, तीन मार्च को छठे चरण में 57 सीटों पर और सात मार्च को सातवें चरण में 54 सीटों पर मतदान होगा। चुनाव परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
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