(रिपोर्ट- गगन सिंह)
Mauni Amavasya 2025: उज्जैन में माघ मास के कृष्ण पक्ष की मौनी अमावस्या पर शिप्रा नदी के पावन तटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। रामघाट पर आस्थावान भक्त पुण्यस्नान कर मोक्ष की कामना कर रहे हैं। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यह सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर संक्रमण से पहले के महापर्व के रूप में मनाया जाता है।
तीर्थ स्थलों पर स्नान और दान का महत्व
पुजारी राकेश जोशी ने बताया कि इस बार मौनी अमावस्या के दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और सिद्धि योग का विशेष संयोग बन रहा है, जिससे इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में स्नान इस समय अत्यधिक शुभ माना गया है, लेकिन अन्य तीर्थस्थलों पर भी स्नान और कल्पवास करने से पुण्यफल की प्राप्ति संभव है।
भीड़भाड़ से बचने शिप्रा-नर्मदा में पहुंच रहे श्रद्धालु
इस वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन हो रहा है, लेकिन भीड़भाड़ से बचने के लिए अनेक श्रद्धालु उज्जैन के पवित्र घाटों पर डुबकी लगा रहे हैं। अनुमान है कि सुबह से शाम तक हजारों श्रद्धालु स्नान और आस्था की डुबकी लगाएंगे।
वहीं, जबलपुर, नर्मदापुरम और सीहोर में लोगों ने मां नर्मदा में डुबकी लगाई। नर्मदा के घाटों हर-हर नर्मदा के जयकारे गूंज उठे। जबलपुर के ग्वारी और जिलहरी घाट में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ है।
प्रयागराज में भीड़ के चलते शिप्रा में डुबकी लगा रहे
शिप्रा नदी पर डुबकी लगाने आए लोगों का कहना है कि प्रयागराज में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। इसलिए शिप्रा नदी में डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं। बता दें मौनी अमावस्या पर अन्न और वस्त्र दान का महत्व है। इस दिन पितरों के निमित्त धूप-दीप जलाने, तर्पण और पिंड दान करने का महत्व है।
सीहोर में उमड़ा जनसैलाब
वहीं, सीहोर में मौनी अमावस्या पर नर्मदा नदी के घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो गया। आंवली घाट, नीलकंठ और बुधनी घाट समेत कई स्थानों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
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