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ये है सर्वधर्म समभाव: मौलाना वहीदुल्लाह अंसारी ने पढ़े चारों वेद, नाम के आगे लिखते हैं चतुर्वेदी, पुराण-गीता का भी ज्ञान

Maulana Wahidullah Ansari Chaturvedi: उत्तर प्रदेश के मेरठ में मौलाना वहीदुल्लाह अंसारी अपने नाम के आगे चतुर्वेदी लिखते हैं। उन्होंने चारों वेदों का अध्ययन कर लिया है। इसके साथ ही उन्हें 18 पुराण और गीता का भी ज्ञान है।

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Rahul Garhwal
Maulana Wahidullah Ansari Chaturvedi Ved Puran Geeta meerut up

Maulana Wahidullah Ansari Chaturvedi: उत्तर प्रदेश में मेरठ के मौलाना वहीदुल्लाह अंसारी मुस्लिम हैं, लेकिन अपने नाम के आखिर में चतुर्वेदी लगाते हैं। उनका पूरा नाम सुनकर अक्सर लोग हैरान होते हैं और जानना चाहते हैं कि आखिर कोई मुस्लिम चतुर्वेदी कैसे हो सकता है ? हिंदू और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग ऐसा करने के लिए उनका विरोध भी करते हैं, लेकिन इन सबसे बेपरवाह होकर वो राम के आदर्शों पर चलने के लिए दूसरों को प्रेरित करते हैं।

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इसलिए लिखते हैं नाम के आगे चतुर्वेदी

वहीदुल्लाह अंसारी बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही संस्कृत पढ़ने का मन करता था। शुरू में उन्होंने ऐसे ही पढ़ना शुरू किया, बाद में जब इसमें मन लगने लगा तो इसे हिंदी के साथ मेन सब्जेक्ट के रूप में पढ़ने लगे और फिर कभी संस्कृत को नहीं छोड़ा। वे चार वेद, 18 पुराण और गीता पढ़ चुके हैं। कई लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन वह उन्हें विस्तार से सबकुछ समझाते हैं। उन्होंने बताया कि मैंने कई भाषाओं में रामायण पढ़ी है।

श्री श्री 108 का अर्थ

मौलाना वहीदुल्लाह अंसारी ने श्री श्री 108 का अर्थ समझाते हुए एक वाकया भी बताया। उन्होंने कहा कि हमारे घर के पास कुछ लोग हर साल श्री श्री 108 दुर्गा महोत्सव का बैनर लगाते थे। हमने उनसे पूछा कि ये श्री श्री 108 क्या है ? तब उन्होंने कहा कि हम ये नहीं जानते, ये परंपरा चली आ रही है। तब उन्होंने उन लोगों को बताया कि ये उपशक्ति गिनती है। हमारे पवित्र कुराने में भी इसे दर्शाया गया है। चार किताबें तो आसमानी हैं, तौरेत, जबूर, इंजील और कुरान। इसके अलावा 100 सहीफे हैं। सहीफे उन्हें कहते हैं जो छोटे-छोटे कोटेशन प्रभु ने ईष्ट दूत (पैगेंबरों) के जरिए जो पृथ्वी पर भेजे। वो उपनिषद की गिनती ही 108 है। ये तो हमारे इस्लाम धर्म में भी मौजूद है।

हिंदू-मुस्लिम धर्म में कई समानताएं

मौलाना वहीदुल्लाह अंसारी ने कहा कि हमने जब दोनों धर्मों का कम्पैरिजन किया तो इसमें हमें कई सारी बातें एक-दूसरे से मिलती हुई दिखीं। वेदों में भी ये ही लिखा है कि सारे संसार का मालिक एक है। अगर कोई राम को ग्रहण कर ले तो उसका कल्याण हो जाए। वे बताते हैं कि नमाज भारतीय और संस्कृत भाषा से आया शब्द है। इसमें नम: यानि झुकना और अज यानि ईश्वर का संगम है, जिसका अर्थ होता है ईश्वर के सामने झुकना।

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किताब लिख रहे वहीदुल्लाह अंसारी चतुर्वेदी

मौलाना वहीदुल्लाह अंसारी चतुर्वेदी ने बताया कि वो कई किताब भी लिख रहे हैं। इस किताब का नाम है नमाज सनातन धर्म की दृष्टिकोण से। इस किताब में वो हिंदू और इस्लाम धर्म को लेकर कई अहम और जरूरी बातों को बताएंगे।

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