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MP Mauganj Violence Triple Suicide Mystery
Mauganj Violence: गडरा गांव, जहां हाल ही में हुई हिंसक झड़प ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया था, अब एक और दिल दहला देने वाली घटना के कारण चर्चा में आ गया है। गांव के एक बंद घर से बदबू आने पर जब लोगों ने पुलिस को बुलाया, तो दरवाजा खोलते ही एक ही परिवार के तीन लोगों की लाशें मिलने से सनसनी फैल गई। मृतकों में पिता त्योसी साकेत (55), बेटा अमन साकेत (8) और बेटी मीनाक्षी साकेत शामिल हैं।
आत्महत्या या सोची-समझी साजिश ?
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MP Mauganj Violence Triple Suicide Mystery[/caption]
स्थानीय पुलिस को पहले तो यह मामला आत्महत्या जैसा लगा, लेकिन गड़रा कांड की पृष्ठभूमि और घटनास्थल की स्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। प्राथमिक जांच के बाद पुलिस ने आशंका जताई कि यह मामला आत्महत्या का हो सकता है, लेकिन घटनाक्रम और हालात कुछ और कहानी बयान कर रहे हैं।
20 दिन से बंद था घर
ग्रामीणों को त्योसी साकेत के घर से तेज बदबू आई, तब जाकर मामला सामने आया। दरवाजा तोड़ते ही देखा गया कि पिता और पुत्र की लाशें फांसी के फंदे पर लटकी थीं। बेटी मीनाक्षी की लाश कुछ ही दूरी पर पड़ी मिली।
घटना की गंभीरता को देखते हुए रीवा से विशेष फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है। मौके पर कलेक्टर, एसपी और अतिरिक्त एसपी मौजूद रहे। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस मौत का गडरा कांड से कोई सीधा संबंध है या नहीं।
गांव में डर का माहौल
गांव में पहले से ही गडरा कांड के बाद तनावपूर्ण माहौल था। अब इस नई त्रासदी के बाद ग्रामीणों में भय और असुरक्षा की भावना और बढ़ गई है। कई परिवार गांव छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। रीवा IG गौरव राजपूत के अनुसार, यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है।
पुलिस का कहना है कि त्योसी साकेत का पारिवारिक जीवन भी अस्थिर था, उन्होंने दो शादियां की थीं और घर में आए दिन विवाद होते थे। हालांकि, घटना की विस्तृत जांच जारी है और पुलिस सभी पहलुओं को खंगाल रही है। घटना के बाद गडरा गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। प्रशासन लगातार शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
क्या है गडरा कांड?
बता दें कि 15 मार्च को गडरा गांव के निवासी युवक शनि द्विवेदी की आदिवासियों द्वारा बंधक बनाकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, इस घटना के बाद कार्रवाई करने पहुंची पुलिस टीम पर भी ग्रामीणों ने हमला किया था, इस हमले में ASI रामचरण गौतम शहीद हो गए थे। वहीं 15 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे। गांव में हुए बवाल के बाद से पुलिस ने यहां धारा 163 लागू कर दी थी। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी थी। अब इस नई घटना ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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