हाइलाइट्स
- मथुरा-वृंदावन में यमुना नदी का जलस्तर खतरे से ऊपर
- 1500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया
- दर्जनों कॉलोनियां और गांव बाढ़ की चपेट में, हाई अलर्ट जारी
Mathura-Vrindavan Flood: यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से मथुरा और वृंदावन में हालात बेकाबू हो रहे हैं। यमुना का पानी घाटों, कॉलोनियों और सड़कों तक पहुंच चुका है। प्रशासन ने कई घाट बंद कर दिए हैं और अब तक 1500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। हालात को देखते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
मथुरा-वृंदावन में यमुना का बढ़ता जलस्तर
पिछले 24 घंटे में यमुना का जलस्तर 166.40 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 166 मीटर से 56 सेंटीमीटर अधिक है।
हथिनीकुंड से छोड़े गए 3.29 लाख क्यूसेक पानी की वजह से हालात और गंभीर हो गए हैं।
गोकुल बैराज से लगातार 1.11 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है।
प्रभावित क्षेत्र और स्थिति
यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से मथुरा-वृंदावन की कॉलोनियां और गांव जलमग्न हो गए हैं।
प्रभावित क्षेत्र | स्थिति |
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वृंदावन के घाट (केसी घाट, देवराहा बाबा घाट, जगन्नाथ घाट) | बंद कर पुलिस बल तैनात |
वृंदावन की कॉलोनियां (भक्ति विहार, घनश्याम वाटिका, श्रीजी वाटिका, श्याम नगर, अक्रूर धाम, मोहिनी नगर) | चार-चार फीट तक पानी भरा |
मथुरा-वृंदावन के गांव (नौहझील, मांट, छाता क्षेत्र के 23 गांव) | 13 गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में |
महावन तहसील | राधारानी मंदिर के पास लाडली कुंड और पार्क पानी में डूबे |
शेरगढ़, नगला सपेरा, धीमरी गुलालपुर, चमन गढ़ी | गांव खाली कराए गए |
राहत और बचाव कार्य
अब तक 1500 से अधिक लोगों को नावों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया।
पशुओं को भी सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया।
39 बाढ़ चौकियां बनाई गईं हैं, प्रत्येक पर SDM और राजस्व अधिकारी तैनात।
चार शेल्टर होम (शाहपुर, धानौता, गुलालपुर, नगला नंदी) बनाए गए हैं, जहाँ भोजन, पानी, मेडिकल और पुलिस व्यवस्था उपलब्ध है।
शहर के भीतर की सड़कों पर अब नावें चल रही हैं।
बाढ़ से प्रभावित लोगों की स्थिति
कॉलोनियों और गांवों में लोग छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं।
कई परिवार रातभर घर खाली करने की तैयारी करते रहे।
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित केंद्रों में शिफ्ट किया गया।
ग्रामीणों की फसलें (धान, बाजरा, ज्वार) पूरी तरह डूब गईं।
हरे चारे की कमी से पशुधन संकट भी गहराता जा रहा है।
प्रशासन और नेताओं की अपील
जिलाधिकारी सीपी सिंह ने लोगों से अपील की – “धैर्य बनाए रखें, अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।”
विधायक राजेश चौधरी ने नाव से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को भरोसा दिलाया कि हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
लगातार खतरे के निशान के ऊपर यमुना
मथुरा-वृंदावन में यमुना का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। दर्जनों कॉलोनियां और गांव जलमग्न हैं। प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। नावों से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है और शेल्टर होम में भोजन व दवाई की व्यवस्था की गई है। हालात को देखते हुए आने वाले दिनों में और खतरा बढ़ सकता है।
FAQ’s
Q1. मथुरा-वृंदावन में यमुना नदी का जलस्तर कितना बढ़ गया है?
पिछले 24 घंटे में यमुना का जलस्तर 166.40 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 56 सेंटीमीटर ऊपर है।
Q2. बाढ़ से अब तक कितने लोग प्रभावित हुए हैं?
प्रशासन ने अब तक 1500 से अधिक लोगों को नावों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है और दर्जनों गांव व कॉलोनियां जलमग्न हो चुकी हैं।
Q3. प्रशासन ने राहत और बचाव के लिए क्या कदम उठाए हैं?
39 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं, चार शेल्टर होम तैयार किए गए हैं, भोजन-पानी व मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है और लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।
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