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वैवाहिक आतंकवाद: पतियों को झूठे आरोप में फंसा रही पत्नियां, वाच लीग ने की वैवाहिक ब्लैकमेलिंग के खिलाफ कानून की मांग

Marital Terrorism: देश में पुरुषों के खिलाफ घरेलू हिंसा, प्रताड़ना और झूठे मामले लगाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिसके कारण कई पुरुष आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं। इस समस्या को 'वॉच लीग' संगठन ने 'वैवाहिक आतंकवाद' का नाम दिया है। संगठन ने वैवाहिक ब्लैकमेलिंग पर रोक लगाने और इस संबंध में नए कानून बनाने की मांग की है।

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Ujjwal Rai
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Marital Terrorism: देश में पुरुषों के खिलाफ घरेलू हिंसा, प्रताड़ना और झूठे मामले लगाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिसके कारण कई पुरुष आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं। इस समस्या को 'वॉच लीग' संगठन ने 'वैवाहिक आतंकवाद' (Marital Terrorism) का नाम दिया है। संगठन ने वैवाहिक ब्लैकमेलिंग पर रोक लगाने और इस संबंध में नए कानून बनाने की मांग की है।

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आज (11 अप्रैल) को भोपाल हाट में 'वॉच लीग' द्वारा एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जहां संगठन ने कई पीड़ित पुरुषों को मीडिया (Marital Terrorism) के सामने पेश किया। इन पीड़ितों ने अपने ऊपर लगे झूठे आरोपों और प्रताड़ना की दर्दभरी कहानियां साझा कीं। इस दौरान इंदौर के नितिन पडियार की कहानी ने सभी को झकझोर दिया। नितिन ने पत्नी द्वारा की गई प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। प्रेस वार्ता में नितिन के भाई सूरज पडियार इंसाफ की मांग लेकर मौजूद थे।

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'वॉच लीग' ने इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए पीड़ित पुरुषों (Marital Terrorism) के लिए न्यायिक सुधारों और कड़े कानूनों की मांग की है।

नितिन पडियार के परिवार पर लगे आरोप!

इंदौर के युवक नितिन पडियार ने पत्नी द्वारा की जा रही मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर जनवरी 2025 में आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से अपनी पत्नी पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया। नोट में उन्होंने लिखा – "मेरी पत्नी ने मेरे और मेरे पूरे परिवार पर झूठे आरोप लगाए हैं, जिस वजह से मैं आत्महत्या कर रहा हूं।"

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प्रेम विवाह के बाद शुरू हुआ संघर्ष

[caption id="attachment_793807" align="alignnone" width="748"]publive-image नितिन पडियार के भाई सूरज पडियार[/caption]

नितिन ने बताया कि उन्होंने साल 2019 में अपनी पत्नी से भागकर लव मैरिज की थी, क्योंकि दोनों के परिवार शादी के खिलाफ थे। कुछ समय बाद नितिन के परिवार ने दोनों को स्वीकार कर लिया, लेकिन पत्नी की मां ने उन्हें कभी अपना दामाद नहीं माना।

झूठे आरोपों ने बढ़ाई मुसीबत

नितिन ने सुसाइड नोट में बताया कि उनकी पत्नी को उसकी मां भड़काने लगी थी। इस दौरान नितिन की पत्नी नितिन की मां से लगातार झगड़ने लगी। करीब एक साल बाद पत्नी ने नितिन और उसके परिवार पर मारपीट और दहेज उत्पीड़न जैसे गंभीर झूठे आरोप लगा दिए।

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पत्नी ने की 20 लाख रुपए की मांग!

इस दौरान नितिन की पत्नी और सास ने 20 लाख रुपए की मांग की।नितिन ने सुसाइड नोट में लिखा- मैं वैसे ही इतने कर्जे में हूं, मैं कहां से दूं, उन्हें बीस लाख रुपए। हमेशा मुझे ब्लैकमेल करते हैं।

अपने नाम पर मकान चाहती थी पत्नी!

बसंल न्यूज डिजिटल ने नितिन के भाई सूरज से बात की। उन्होंने बताया कि नितिन की पत्नी अपने नाम पर मकान चाहती थी, जिसे लेकर वह हमेशा झगड़ती रहती थी। नितिन उसकी डिमांड भी पूरी करने की कोशिश करता था।

पुरुष इन कानूनों की ले सकते हैं मदद

वकील अनिल शुक्ला ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 248 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी पर झूठे आरोप लगाता है, तो उसे 5 साल की जेल और 2 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। वहीं, अगर झूठे आरोप गंभीर हैं और उनमें उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान होता, तो दोषी को 10 साल की सजा और जुर्माना भरना पड़ सकता है।

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उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराता है, लेकिन जाँच में आरोप झूठे पाए जाते हैं, तो इन धाराओं के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि, पुलिस अक्सर ऐसे मामलों को गंभीरता से नहीं लेती और इन धाराओं को लगाने से बचती है।

इसके अलावा, अगर कोर्ट को पता चलता है कि किसी महिला द्वारा झूठे आरोप लगाए गए हैं, तो भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता की धारा 378 के तहत पीड़ित व्यक्ति आवेदन दे सकता है या न्यायालय स्वयं संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकता है। लेकिन, अक्सर मामला वहीं समाप्त हो जाता है।

अनिल शुक्ला ने कहा कि भारत में कानून तो मौजूद हैं, लेकिन उनका सख्ती से पालन नहीं हो रहा है। ऐसे में नए कानून बनाने की जरूरत नहीं है, बल्कि मौजूदा कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है।

क्यों बढ़ रहा वैवाहिक आतंकवाद ?

वैवाहिक आतंकवाद (Marital Terrorism) यानी घरेलू हिंसा या पारिवारिक आतंकवाद में बढ़ोतरी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, आर्थिक और कानूनी पहलू शामिल हैं।

1. सामाजिक और सांस्कृतिक कारण
शादी को 'अटूट बंधन' मानना: तलाक या अलगाव को समाज में बुरी नज़र से देखा जाता है, जिससे पीड़ित साथी हिंसा सहने को मजबूर हो जाता है।

2. आर्थिक कारण
आर्थिक निर्भरता: अगर पत्नी या पति कमाने वाले पर निर्भर हैं, तो वे हिंसा सहने को मजबूर हो सकते हैं।
बेरोजगारी और तनाव: आर्थिक तंगी या नौकरी का दबाव पार्टनर पर गुस्सा निकालने का कारण बन सकता है।

3. मनोवैज्ञानिक कारण
नियंत्रण की इच्छा: कुछ लोगों को अपने पार्टनर पर पूरा कंट्रोल चाहिए होता है, जो भावनात्मक या शारीरिक हिंसा का रूप ले सकता है।

4. कानूनी कमजोरियां
भारत में कई मामलों में पुलिस या अदालतें गंभीरता नहीं दिखातीं, खासकर जब पुरुषों पर आरोप लगाए जाएं, तो उन्हें हमेशा गलत ही समझा जाता है।

वैवाहिक आतंकवाद (Marital Terrorism) क्या है?

वैवाहिक आतंकवाद (Marital Terrorism) या घरेलू आतंकवाद एक ऐसी स्थिति है जहाँ पति या पत्नी (या किसी करीबी साथी) द्वारा डर, हिंसा, धमकी और नियंत्रण के माध्यम से दूसरे पार्टनर को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक या आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। यह सामान्य झगड़ों से कहीं अधिक गंभीर होता है और इसमें लगातार दबाव, अत्याचार और आतंक का माहौल बनाया जाता है।

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