सिद्धार्थनगर। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में एक साथ नौ मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इन चिकित्सा संस्थानों से मौजूदा पीढ़ी की ही नहीं बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों की सेवा होगी। मांडविया ने सिद्धार्थनगर तथा आठ अन्य जिलों में बनाये गये मेडिकल कॉलेजों का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा यहां से लोकार्पण किये जाने के अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि ‘‘प्रधानमंत्री ने हमें हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की सोच दी है। वह दौर ज्यादा पुराना नहीं है जब किसी बड़े राज्य में नौ या उससे भी कम बड़े मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे। आज उत्तर प्रदेश की जनता को एक दिन में नौ मेडिकल कॉलेज समर्पित किए जा रहे हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है।’’
स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश की जनता को नये मेडिकल कॉलेज खुलने पर बधाई देते हुए कहा कि इन कॉलेजों से लोगों को स्वास्थ्य की सर्वोत्तम सुविधा मिलेगी और युवाओं को मेडिकल की पढ़ाई करके डॉक्टर बनने का स्वर्णिम अवसर भी मिलेगा। मेडिकल कॉलेज खोलने से उसके आस पास एक बहुत बड़ा इकोसिस्टम बनता है जिससे रोजगार के बड़ी तादाद में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर मिलते हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थनगर में भगवान बुद्ध से भी एक पहचान जुड़ी हुई है। भगवान बुद्ध कहते थे कि इंसान के कर्म उसके ही नहीं बल्कि उसकी आने वाली पीढ़ियों को भी प्रभावित करते हैं। प्रधानमंत्री आज जिन नौ मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण कर रहे हैं उनसे मौजूदा पीढ़ी की ही नहीं बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों की सेवा होगी।
मांडविया ने कहा, ”प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य को विकास के साथ जोड़ते हुए ‘हल्दी नेशन वेल्दी नेशन’ की परिकल्पना देश के सामने रखी है। वर्ष 2014 से पहले देश का स्वास्थ्य सेवाओं सम्बन्धी बजट तकरीबन 33000 करोड़ रुपए था। सरकार के पिछले सात साल के कार्यकाल में स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च तब से अब तक करीब आठ गुना बढ़ गया है। इस साल सरकार स्वास्थ्य पर तकरीबन सवा दो लाख करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।” उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में देश में चिकित्सा शिक्षा पर खास ध्यान दिया गया है। मेडिकल एजुकेशन गवर्नेंस में बहुत बड़े सुधार किए गए हैं। केंद्र सरकार पूरे देश में 157 मेडिकल कॉलेज खोल रही है। सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही 27 मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। पिछले सात सालों में मेडिकल कॉलेज की संख्या अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। 2013-14 में हम देखें तो पूरे भारत में तकरीबन 51000 मेडिकल अंडर ग्रेजुएट मिल सके थे। मगर पिछले सात सालों में प्रधानमंत्री के प्रयासों से इन सीटों की संख्या में तकरीबन 32000 की वृद्धि हुई है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को सिद्धार्थनगर में बने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया। साथ ही वहीं से एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर के मेडिकल कॉलेजों को भी वर्चुअल माध्यम से लोकार्पित किया। इन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कुल 2329 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। इनमें से आठ मेडिकल कॉलेज केंद्र प्रायोजित योजना के तहत स्वीकृत किए गए हैं, जबकि जौनपुर में मेडिकल कॉलेज को राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से तैयार कराया है।