नई दिल्ली। उत्पादी ग्रह मंगल और Mangal-Shukra ka Gochar 2022 बुद्धि के कारक बुध बहुत जल्द अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। जी हां 5 जनवरी को अस्त हुए शुक्र 11 जनवरी को उदित हो चुके हैं तो वहीं मंगल भी 16 जनवरी को अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे है। इसी के साथ हर तरह से बड़े बदलाव का होना संभव है। पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है या उदित या अस्त होता है तो वह मौसम में भी बदलाव लाता है। ये दोनों ग्रह भी हर तरह से अपना असर दिखाएंगे।
शुक्र बढ़ाएंगे समृद्धि —
पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार जब भी कोई ग्रह उदय या अस्त होता है तो मौसम में बदलाव जरूर आता है। जिस तरह अस्त हुए शुक्र ने मौसम पर प्रभाव डाला था। तो वह मौसम खुलने लगेगा। लोगों के सांसारिकों सुखों में एक बार फिर वृद्धि होने लगेगी। साथ ही व्यक्ति के स्वास्थ्य में भी सुधार होने लगेगा। आपको बता दें सभी नवग्रहों में गुरु और शुक्र दो ग्रह ऐसे होते हैं तो उदित और अस्त होते हैं।
मंगल कराएंगे बारिश —
उत्पादी ग्रह मंगल पांच Mangal ka gochar 2022 दिन बाद 16 जनवरी को एक बार फिर राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। जी हां सभी ग्रहों में उग्र माने जाने वाला ग्रह Mangal ka gochar 2022 मंगल पांच दिन बाद अपनी गोचर करेंगें। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार 16 जनवरी को ये धनु में गोचर करेंगे। मंगल जब भी राशि परिवर्तन करते हैं तो स्थितियां कुछ ठीक नहीं होतीं। प्राचीन वैदिक शास्त्र के अनुसार सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति शुक्र और शनि यह 7 ग्रह माने गए हैं। राहु और केतु छाया ग्रह है।
रक्त तत्व प्रधान हैं मंगल —
मंगल पुरुष ग्रह माना गया है। यह मेष राशि और वृश्चिक राशि का स्वामी होता है। भ्रमण काल के दौरान जब मंगल मकर राशि में आता है। उच्च का कहा जाता है। जब कर्क राशि में आता है। तो नीच का कहा जाता है। मेष राशि 1 से 18 वर्ष तक यह मूल त्रिकोण में माना जाता है। मंगल को पापी ग्रह कहते हैं। साथ ही इसे पराक्रम का प्रतीक भी मानते हैं। इसे रक्तगौर रंग का माना जाता है। इसमें अग्नि तत्व की प्रधानता होती है।
पित्त और हड्डियों के लिए कारक —
शरीर में पित्त और हड्डियों के मज्जा का विश्लेषण मंगल ग्रह से किया जाता है। मंगल तत्व प्रधान जातक अधिकतर नेता, प्रखर वार्ताकार, तर्क से सब को परास्त करने वाले और सेनापति होते हैं। मंगल ग्रह के प्रभाव से लोगों को उच्च पद सेना या पुलिस में प्रवेश आदि व्यवसाय प्राप्त होते हैं।
अगर आपकी कुंडली में मंगल 10 वें भाव यानि मकर राशि में हैं तो समझ लीजिए मंगल आपकी राशि में उच्च के हैं। तो वहीं यदि ये चौथे भाव यानि कर्क राशि में हैं तो समझ लीजिए ये आपकी राशि में नीच ग्रह में बैठे हैं। जब यह नीच भाव में बैठते हैं तो आपको विशेष सतर्क रहने की जरूरत होती है। इसके अलावा जब ये पहले या आठवें भाव यानि मेष और वृश्चिक में हैं तो ये स्वराशि में माने जाते हैं। तो इस तरह आप भी अपनी कुंडली देख सकते हैं।
राशियों पर असर —
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो मंगल का यह गोचर मेष राशि के लिए बढ़िया,वृष के लिए सामान्य, मिथुन, कर्क, सिंह और कन्या के लिए अच्छा तो वहीं तुला, कुंभ राशि के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। बाकी राशियों के लिए सामान्य रहेगा।
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नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।