नई दिल्ली। सभी ग्रहों में Mangal Ka Gochar 2021 सबसे अधिक उथल—पुथल मचाने वाला और इस वर्ष का राजा मंगल वर्ष के अंतिम माह यानि दिसंबर में अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहा है। जी हां शनिवार की रात अंत 5:29 पर मंगल अपनी चाल बदलने वाले हैं। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो पंचांग की विविधता के चलते इनकी तिथियों में थोड़ा बहुत बदलाव हो जाता है। पंडित अनिल पाण्डेय के अनुसार यह गोचर लाला राम स्वरूप केलेंडर के अनुसार होगा।
विवाह के मुख्य रूप से आपने अक्सर सुना होगा,कुंडली में मंगल है इसलिए शादी नहीं हो रही, मंगल के कारण इनकी स्थिति ठीक नहीं चल रही। जी हां अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल का स्थान अच्छे भाव में होता है। तो उसे लाभ दिलाता है। इतना ही नहीं यह मंगल विवाह में विलंब का कारण भी बनता है। रक्त तत्व प्रधान यह मंगल बहुत जल्द गोचर करके अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इसका गोचर दिसंबर माह में होेने जा रहा है।
तो वहीं पंडित अनिल कुमार पाण्डेय का कहना है कि लाला राम स्वरूप कैलेंडर के अनुसार मंगल का यह गोचर 4 दिसंबर को 5:29 रात अंत होगा। जब मंगल तुला से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। तुला राशि का स्वामी शुक्र है मंगल से सम भाव रखता है। अर्थात वर्तमान में मंगल न तो अपने मित्र के घर में है और ना ही शत्रु के घर में। वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल स्वयं है और वृश्चिक राशि में प्रवेश के उपरांत मंगल स्वराशि का होने के कारण अत्यंत ताकतवर स्थिति में हो जाएगा। परिवर्तन जिस भी दिन होगा। विभिन्न राशियों पर अपना शुभ—अशुभ फल जरूर देंगे। आइए जानें क्या हैं वे राशियां।
मेष राशि पर प्रभाव —
मेष राशि के जातकों का स्वामी मंगल स्वयं होता है इसके अलावा मंगल इनके आठवें भाव का स्वामी भी है। आठवां भाव मृत्यु का भाव होता है। अतः दुर्घटना होने पर भी मेष राशि के जातकों को ज्यादा चोट नहीं आएगी। आठवें भाव से मंगल एकादश भाव तृतीय भाव तथा तृतीय भाव को देख रहा है। जिसके कारण मेष राशि के जातकों को अपने भाई बहन का सहयोग नहीं मिलेगा साथ ही अल्प मात्रा में धन लाभ होगा। कुल मिलाकर मेष राशि के लिए मंगल का वृश्चिक राशि में गमन मिश्रित फलदाई है।
वृष राशि के जातकों पर प्रभाव —
वृष राशि के जातकों के द्वादश भाव एवं सप्तम भाव का स्वामी मंगल है। वृश्चिक राशि में गमन के उपरांत मंगल सप्तम भाव में रहेगा। वृष राशि के जातकों के शादी के अच्छे प्रस्ताव आएंगे। ऑफिस में इनका अच्छा प्रभाव रहेगा। जीवन साथी के स्वास्थ्य मैं थोड़ी खराबी आ सकती है। धन की कमी होगी। इस प्रकार मंगल वृष राशि के जातकों के लिए मिश्रित फलदाई है।
मिथुन राशि के जातकों पर प्रभाव —
मिथुन राशि के जातकों के छठे और एकादश भाव का स्वामी मंगल है। वृश्चिक राशि में गमन के उपरांत मंगल छठे भाव में रहेगा। यहां पर मंगल के होने के कारण सभी शत्रु परास्त होंगे। भाग्य सामान्य रहेगा खर्चे में कमी आएगी तथा जातक का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। इस प्रकार मिथुन राशि वालों के लिए भी मंगल का यह भ्रमण मिश्रित फलदाई है।
कर्क राशि के जातकों पर प्रभाव —
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम भाव और दशम भाव का स्वामी है। वृश्चिक राशि में भ्रमण के उपरांत वह पंचम भाव में रहेगा। मंगल के पंचम भाव में होने के कारण कंपटीशन में आपको सफलता मिलेगी संतान से सुख प्राप्त होगा अगर कोई दुर्घटना होती है तो आपको चोट नहीं आएगी धन की कम प्राप्ति होगी तथा खर्चे में कमी आएगी।
सिंह राशि के जातकों पर प्रभाव —
सिंह राशि के जातकों के भाग्य भाव एवं सुख भाव का स्वामी मंगल है। वृश्चिक में गमन करने पर यह चतुर्थ भाव अर्थात सुख भाव में रहेगा। सुखेश होने के कारण मंगल आपको सुख प्रदान करेगा। इस अवधि में हो सकता है कि आप वाहन घर आदि खरीद लें। आपके जीवनसाथी को पीड़ा हो सकती है। कार्यालय में आपका प्रबुद्ध बढ़ सकता है। धन की प्राप्ति में कमी आएगी।
कन्या राशि के जातकों पर प्रभाव —
कन्या राशि के जातकों के पराक्रम भाव और अष्टम भाव का स्वामी मंगल होता है। वृश्चिक राशि में मंगल के प्रवेश के उपरांत जातक के पराक्रम में वृद्धि होगी उसको बहुत क्रोध आएगा। भाग्य सामान्य रहेगा। ऑफिस के कार्य होने में परेशानी होगी। इस प्रकार मंगल का वृश्चिक राशि में प्रवेश कन्या राशि के जातकों के लिए उत्तम नहीं है।