Mangal Gochar 31 July 2025 Kanya Effect on Mithun Kumbh Tula Astrology Hindi News: बीते महीने से सिंह राशि में चल रहे मंगल इस महीने के अंत में अपनी राशि बदलने जा रहे हैं। मंगल का गोचर बुध की राशि में होने जा रहा है। जो एक बार फिर कुछ जातकों के लिए लकी साबित होगा तो वहीं कुछ जातकों को करीब 80 दिन तक कष्टकारी हो सकता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री से जानते हैं कि बुध में मंगल का गोचर (Budh me Mangal Gochar) कब से कब तक रहेगा। मंगल को मजबूत करने के उपाय (Mangal ke Upay) क्या हैं।
कन्या राशि में मंगल का गोचर कब होगा (Kanya me Mangal Gochar)
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार लाल ग्रह मंगल इस महीने के अंत में यानी 31 जुलाई को सिंह राशि से कन्या राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दे कन्या बुध की राशि है। यानी बुध की राशि में कन्या का ग्रह परिवर्तन (Grah Gochar July 2025) एक बार फिर बड़ा फेरबदल लेकर आएगा।
कन्या राशि में मंगल कब तक रहेंगे

हिन्दू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार कन्या राशि में मंगल का गोचर 31 जुलाई गुरुवार को होगा। जो करीब 80 दिन तक इसी राशि में रहने के बाद 15 सितंबर सोमवार तक इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद एक बार फिर मंगल अपनी राशि छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
इस दिन तुला राशि में प्रवेश करेंगे मंगल (Mangal Gochar Tula)
इस बार मंगल का गोचर लंबे समय के लिए हो रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार मंगल 15 सितंबर तक कन्या राशि में रहेंगे। इसके बाद मंगल का गोचर तुला राशि में होगा।
कन्या राशि में मंगल गोचर से ये रहें सावधान (Kanya Rashi Gochar Ashubh Asar)
ज्योतिषाचार्य के अनुासर कन्या राशि में मंगल का गोचर होगा इस दौरान तीन राशि के जातकों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। इसमें मिथुन, कुंभ और तुला तीन राशियां शामिल हैं।
मंगल गोचर से मिथुन, कुंभ और तुला राशि को क्यों हैं अशुभ संकेत
ज्योतिष में जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन (Mangal Gochar ka Shubh Ashubh Asar 2025) करता है तो उसके स्थान से जो भी चौथा, आठवां और बारहवीं राशि आती है उस पर गोचर का अशुभ परिणाम पड़ता है। इस बार मंगल राशि परिवर्तन के दौरान मिथुन राशि को चौथा, कुंभ राशि को आठवां और तुला राशि को बारहवां पड़ेगा। इसलिए इस दौरान इन तीन राशियों को अच्छे संकेत नहीं हैं।
कन्या में मंगल का गोचर किसके लिए होगा शुभ (Mangal Gochar Shubh Asar)
कन्या राशि में मंगल का गोचर से कुछ राशियों को अच्छे संकेत मिलेंगे। इसमें मकर, मेष, वृश्चिक और कन्या राशि वालों को शुभ फल की प्राप्ति होगी।
मंगल की नीच, उच्च और स्व राशि (Mangal ki Swa, Uchha, Neech Rashi)
ज्योतिष में हर ग्रह की उच्च, नीच और स्व राशि होती है। जो सभी जातकों पर शुभअशुभ प्रभाव डालती है। ज्योतिष के अनुसार मकर मंगल की उच्च, कर्क नीच ओर मेष और वृश्चिक स्व राशियां हैं। ऐसे में मंगल का नीच राशि कर्क में गोचर कई जातकों को सतर्क रहने की सलाह दे रहा है।
मंगल को मजबूत करने के उपाय
मंगल ग्रह से जुड़े उपाय
- मंगलवार के दिन लाल धातू में तांबा, लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल फूल या मसूर की दाल का दान करें।
- भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ भगवान कार्तिकेय का भी पूजन करें।
- भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- मंगल के बीज मंत्र ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का जाप करें।
- ॐ भौं भौमाय नमः ॐ अं अंगारकाय नमः मंत्र का जाप करें।
- हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल मिलाकर चोढ़ा चढ़ाएं।
- हनुमान जी को नारियल, पान, सुपारी और लाल फल का भोग लगाएं।
- मंदिर में बैठ कर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- हनुमान जी की आरती करें।
सवाल: मंगल का मुख्य तत्व क्या है
जवाब: ज्योतिष के अनुसार मंगल का मुख्य तत्व अग्नि होता है। इसका रंग लाल होता है।
सवाल: मंगल की धातु और अनाज क्या है
जवाब: तांबा मंगल की धातु और जौ इसका अनाज हैं।
सवाल: अशुभ मंगल के संकेत क्या हैं
जवाब: ज्योतिष में अशुभ मंगल या मंगल कमजोर होता है तो उसमें साहस की कमी होती है।
छोटी छोटी चीजों के निर्णय में कमी आती है।
व्यक्ति रिस्क नहीं ले पाता है।
त्वचा पर काले धब्बे जगह जगह दिखाई देते हैं।
मंगल कमजोर होने पर एसिडिटी होती हैं
पेट के बीच के हिस्से में दर्द होता है।
साहस और आत्मविश्वास की कमी होती है।
सवाल: लाभकारी मंगल के लक्षण क्या हैं।
जवाब: पाचन तंत्र मजबूत होता है।
किसी बात से घबराते नहीं हैं।
चेहरे पर लालिमा होती है।
बहुत साहसी होता है। कठिन से कठिन स्थिति में घबराता नहीं है।
खाने में गुड का प्रयोग ज्यादा करें। चीनी का उपयोग कम करें।
अपने पेट को साफ रखने का प्रयास करें।
देसी मूंगा धारण करें।
यह भी पढ़ें: Shaktishali Shiv Mantra: सावन में जरूर करें शिव के 10 सबसे शक्तिशाली मंत्रों का जाप, दूर होंगे हर कष्ट