रिपोर्ट: कमलेश सारडा
Mandsaur Shivna River News: मंदसौर में बीते दिन उफनती शिवना नदी में एक ही परिवार के चार सदस्य बह गए, लेकिन इनमें से एक पांच साल की बच्ची वेदिका को बचाने वाले बबलू मंसूरी एक मिसाल पेश कर गए। परिवार के लिए फरिश्ता बने बबलू ने मानवता का सबसे बड़ा धर्म निभाया है।
बच्ची को बचाया, खुद की बच्ची हुई अनाथ
आपको बता दें परिवार की बच्ची वेदिका को बचाने में बबलू ने अपनी जान गवां दी। बबलू की एक सात महीने की बच्ची है। जिसके सिर से अब पिता का साया उठ गया है।
एमपी कांग्रेस ने किया ट्वीट
आपको बता दें इसे लेकर एमपी कांग्रेस (MP Congress) ने एक्स (X) पर पोस्ट किया है। पोस्ट में लिखा गया है कि मंदसौर जिले के नाहरगढ़ में शिवना नदी पर डूब रहे राजपूत परिवार को बचाने में बबलू मंसूरी ने अपनी जान गवां दी।
इसमें बबलू अपनी आठ माह की बच्ची को अनाथ छोड़ गए हैं। बबलू ने इस देश में मानवता की मिसाल पेश की है। इस देश को बबलू जैसे युवा इस देश की सामाजिक एकता और सोहाद्र का प्रतीक है।
मानवता सबसे बड़ा धर्म है :
मंदसौर जिले के नाहरगढ़ में शिवना नदी पर डूब रहे राजपूत परिवार को बचाने में बबलू मंसूरी ने अपनी जान गंवा दी। अपनी आठ माह की बच्ची को पीछे अनाथ छोड़ गए बबलू ने मानवता की मिसाल पेश की है। बबलू जैसे युवा इस देश की सामाजिक एकता और सौहार्द के प्रतीक है।… pic.twitter.com/clzSddCH4X
— MP Congress (@INCMP) September 10, 2024
क्या था पूरा मामला
आपको बता दें पूरा मामला सोमवार का है। जहां शिवना नदी पार करते हुए सोनू चौहान सोनूसिंह अपनी पत्नी संगीता, 4 साल और 5 महीने की बेटी के साथ बाइक से नाहरगढ़ की ओर जा रहे थे। इसी दौरान अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ तेज उफनती नदी के रपटे पर से बह गए। जिसमें मां बेटे की मौत हो गई, लेकिन एक पांच साल की बच्ची को बचा लिया गया।
ऐसे पानी में डूब गया बबलू
जानकारी के अनुसार सोनू के साथ-साथ चल रहे राजू चौकीदार बहादुरी दिखाते हुए नदी में कूद गए। इसमें पांच साल की बच्ची को बचा लिया गया। बबलू भी इन लोगों को बचाने नदी में कूद गया। उसने देखा कि महिला ने बच्ची को पकड़ा है तो बबलू ने उसे हाथ दिया, लेकिन जब महिला ने उसका कंधा पकड़ा तो वह महिला के साथ पानी में डूब गया।
तलाशी हुई शुरु
घटना की जानकारी मिलते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौतम सोलंकी, मल्हारगढ़ एसडीएम रवीन्द्र परमार, तहसीलदार ब्रजेश मालवीय, नायब तहसीलदार अभीषेक चौरसिया बिल्लोद मौके पर पहुंचे। उसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने तलाशी अभियान शुरू किया।