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हाइलाइट्स
- मंदसौर में सहकारी भंडार की प्रशासक रिश्वत लेते गिरफ्तार।
- उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने 15 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।
- अधिकारी ने सहकारिता सहायक मैनेजर से मांगी थी रिश्वत।
MP Mandsaur lady officer Bribery Case Lokayukt Arrest: मध्य प्रदेश में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा। आए दिन कोई न कोई अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत लेते हुए पकड़ा जा रहा है। लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई के बाद भी रिश्वतखोरों में कोई डर नहीं है। आलम ये है कि अब महिला अधिकारी और कर्मचारी भी रिश्वत लेते पकड़ी जा रही हैं।
अब मंदसौर से सामने आए ताजा मामले ने सभी को हैरान कर दिया है। यहां उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने जिला थोक उपभोक्ता सहकारी भंडार की महिला प्रशासक को 15 हजार की लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी अधिकारी ने सहकारिता सहायक मैनेजर से 15 हजार की रिश्वत मांगी थी। इस कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।
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महिला प्रशासक रिश्वत लेते गिरफ्तार
मंदसौर में लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार दोपहर बड़ी कार्रवाई करते हुए जिला थोक उपभोक्ता सहकारी भंडार की प्रशासक हिमांगिनी शर्मा को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने उस शिकायत के आधार पर की गई, जो मंदसौर निवासी और भंडार में सहायक प्रबंधक पद पर कार्यरत प्रभुलाल धनगर ने दर्ज करवाई थी।
चेक पर साइन करने मांगे थे 30 हजार रुपए
शिकायत में सहकारिता सहायक मैनेजर प्रभुलाल धनगर ने आरोप लगाया था कि हिमांगिनी शर्मा ने संस्था की स्टेशनरी खरीद संबंधी फाइल (नोटशीट) और भुगतान चेक पर हस्ताक्षर करने के एवज में ₹30,000 की रिश्वत मांगी थी। शिकायत के तथ्यों की पुष्टि के बाद, लोकायुक्त पुलिस ने योजना के अनुसार कार्रवाई करते हुए महिला अधिकारी हिमांगिनी शर्मा को 15 हजार रुपए की पहली किश्त लेते हुए समय रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
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आरोप झूठे, खुद को कोर्ट में साबित करूंगी
इधर, गिरफ्तारी के बाद हिमांगिनी शर्मा ने अपने ऊपर लगे रिश्वत के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने दावा किया कि प्रभुलाल धनगर को उन्होंने बीस हजार रुपए उधार दिए थे, जिसमें से 15 हजार रुपए उन्होंने आज लौटाए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि "प्रभुलाल की सैलरी रुकी हुई थी और वे ओवरएज हैं। आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने मुझसे मदद मांगी थी, जिसके चलते मैंने उन्हें पैसे उधार दिए थे।" हिमांगिनी ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे निर्दोष हैं और अगर जरूरत पड़ी तो न्यायालय में जाकर अपना पक्ष मजबूती से रखेंगी।
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