नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी का दौरा करेंगे और 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली पनबिजली परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बताया कि वह हिमाचल प्रदेश वैश्विक निवेशकों के दूसरे समारोह की अध्यक्षता करेंगे। पीएमओ ने कहा कि मोदी ने देश में उपलब्ध संसाधनों की अप्रयुक्त क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करने पर लगातार ध्यान केंद्रित किया है और इस संबंध में एक कदम हिमालयी क्षेत्र में पनबिजली क्षमता का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना है। उसने कहा, “इस दौरान जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा और जिनका शिलान्यास प्रधानमंत्री करेंगे, वे इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाते हैं।” मोदी करीब तीन दशक से लंबित रेणुकाजी बांध परियोजना की आधारशिला रखेंगे।
प्रति वर्ष 30 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा
मोदी के सहकारी संघवाद पर जोर देने के साथ केंद्र द्वारा हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और दिल्ली राज्यों को एक साथ लाने पर परियोजना संभव हो पाई।पीएमओ ने कहा कि 40 मेगावाट की परियोजना करीब सात हजार करोड़ रुपये की लागत से बनेगी। यह दिल्ली के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी, जिसे प्रति वर्ष लगभग 50 करोड़ घन मीटर पानी की आपूर्ति मिलेगी। मोदी लुहरी चरण-1 पनबिजली परियोजना की आधारशिला भी रखेंगे। 210 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण 1,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। इससे प्रति वर्ष 75 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा। एक अन्य परियोजना जिसके लिए वह आधारशिला रखेंगे वह है धौलासिद्ध पनबिजली परियोजना। यह हमीरपुर जिले की पहली जलविद्युत परियोजना होगी। 66 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण 680 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। पीएमओ ने कहा कि इससे प्रति वर्ष 30 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा। कार्यालय ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट से लगभग 28,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत के माध्यम से क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।