Advertisment

Harda Factory Blast: छतों पर सूखते सुतली बम, घरों के अंदर रखा था बारूद का स्टॉक; क्या है हरदा में पसरे मातम की वजह?

Harda Factory Blast: हादसे वाली जगह पर छतों पर सुतली बम को सुखाया जाता था। घरों के अंदर बारूद का स्टॉक रखा हुआ था।

author-image
Rahul Sharma
Harda Factory Blast: छतों पर सूखते सुतली बम, घरों के अंदर रखा था बारूद का स्टॉक; क्या है हरदा में पसरे मातम की वजह?

   हाइलाइट्स

  • हादसे वाली जगह पर घर—घर बनाए जा रहे थे पटाखे
  • इसी वजह से बड़े इलाके में हुए धमाके और फैली आग
  • अजनाल नदी के किनारे बसी हुई है बस्ती
Advertisment

Harda Factory Blast: हरदा में अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए ब्लास्ट की गूंज भोपाल से दिल्ली तक सुनाई दी। इस भीषण हादसे के जो वीडियो और फोटो सामने आए, जिसने उन्हें देखा रूह कांप गई।

अवैध पटाखा फैक्टरी (Harda Factory Blast) संचालक और जिम्मेदार अधिकारी तो इस हादसे के दोषी हैं ही, लेकिन इस हादसे की बड़ी वजह यह भी है कि हरदा के इस इलाके में किसी संगठित उद्योग की तरह घरों-घर अवैध पटाखे बनाए जाते थे। छतों पर सुतली बम को सुखाया जाता था।

घरों के अंदर बारूद का स्टॉक रखा हुआ था। यही कारण है कि जब एक फैक्टरी में आ लगी तो उसने हरदा के एक बड़े इलाके को अपनी चपेट में ले लिया।

Advertisment

   छतों पर सूख रहे पटाखों से भड़की आग

फैक्टरी (Harda Factory Blast) में जब आग लगी तो उससे पटाखे दूर तक उछटकर अन्य घरों के पास आ गए। यहां छतों पर सूख रहे सुतली बम ने आग पकड़ ली, जिससे आसपास के इलाके भी आग की चपेट में आ गए। एक घर से दूसरे घर में रखे बारूद में आग लगती चली गई और हादसे को भयावह रूप दे दिया।

संबंधित खबर: Harda Factory Blast: हरदा ब्लास्ट को लेकर एक्शन में सरकार, फैक्ट्री संचालक पर लग सकता है रासुका; नपेंगे जिम्मेदार!

   अजनाल नदी के किनारे बसी बस्ती का यही मुख्य धंधा

हरदा से खिरकिया की ओर जाने वाले रास्ते पर अजनाल नदी के किनारे पर दांयी ओर बैरागढ़ इलाका है। यही वो बस्ती है जहां हादसा हुआ। अजनाल नदी के किनारे बसी इस बस्ती में करीब 50 से अधिक परिवारों की रोजी रोटी का सहारा पटाखा (Harda Factory Blast) व्यवसाय से ही जुड़ा हुआ है।

Advertisment

संबंधित खबर: Harda Factory Blast: राजू अग्रवाल की अवैध पटाखा फैक्टरी में पहले भी दो बार हादसे, आधा दर्जन ने गंवाई जान! नहीं टूटी पुलिस और प्रशासन की नींद

   200 रुपये के लिये जान जोखिम में डालते हैं लोग

पटाखा (Harda Factory Blast) व्यवसाय से जुड़े मजदूरों को उस क्षेत्र में मिल रही मजदूरी से हर दिन 200 रुपये अतिरिक्त दिये जाते हैं। परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिये मजदूर सिर्फ 200 रुपये अतिरिक्त पाने के लिये जान जोखिम में डालकर इस व्यवसाय से जुड़ जाते हैं।

   अभी खतरा टला नहीं!

सूत्रों के अनुसार हरदा में पटाखा (Harda Factory Blast) बनाने का व्यापार मुख्य रूप से दो लोग ही बड़े स्तर पर करते हैं। इनमें से एक राजू अग्रवाल की पटाखा फैक्टरी में 6 फरवरी को हादसा हुआ है। विशेष समुदाय से जुड़े एक अन्य व्यापारी के यहां भी बड़ी मात्रा में बारूद का स्टॉक है।

Advertisment
harda factory blast harda firecracker factory blast blast in harda firecracker trader raju aggarwal harda harda fire accident Illegal firecrackers are being made in homes Reason for Harda factory blast
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें