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Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि का पर्व सनातन प्रेमियों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस साल महादेव के भक्त महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाएंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल यह पर्व फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने और शिव पूजन करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है तथा जीवन में सुख-शांति आती है। इसके अलावा, शादी-विवाह में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं।
महाशिवरात्रि से पहले सपने में दिखने वाले शुभ संकेत
स्वप्न शास्त्र के अनुसार, महाशिवरात्रि से पहले कुछ खास चीजों का सपने में दिखना अत्यंत शुभ माना जाता है। ये संकेत भविष्य में सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करते हैं। आइए जानते हैं कौन-सी चीजें सपने में दिखना शुभ माना जाता है।
शिवलिंग का दर्शन
यदि किसी व्यक्ति को सपने में शिवलिंग दिखाई दे, तो यह अत्यधिक शुभ माना जाता है। ऐसा सपना व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है और उसे मानसिक शांति व समृद्धि प्रदान कर सकता है।
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सर्प का दिखना
अगर सपने में सर्प दिखाई दे, खासकर वह सर्प जो भगवान शिव से जुड़ा हो, तो यह भी शुभ संकेत माना जाता है।
बेलपत्र या धार्मिक वृक्ष का दिखना
सपने में बेलपत्र, बरगद या पीपल जैसे धार्मिक वृक्षों का दिखना भी शुभ माना जाता है। यह व्यक्ति के जीवन में आशीर्वाद और समृद्धि के संकेत होते हैं।
गंगाजल या गंगा का प्रवाह
यदि सपने में गंगाजल या गंगा का प्रवाह दिखाई दे, तो यह जीवन में शुद्धता और सुख के आने का संकेत होता है।
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महाशिवरात्रि 2025 व्रत पारण मुहूर्त
- महाशिवरात्रि व्रत पारण तिथि: 27 फरवरी 2025
- शुभ समय: सुबह 06 बजकर 48 मिनट के बाद
- चतुर्दशी तिथि: 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट तक
महाशिवरात्रि व्रत पारण विधि
- सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें और आरती उतारें।
- भगवान शिव को भोग लगाएं और प्रसाद ग्रहण करें।
- सूर्योदय के बाद ही व्रत का पारण करें।
- अमावस्या तिथि पर व्रत पारण करने से बचें।
महाशिवरात्रि 2025 भद्रा काल
भद्रा काल: 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 03 मिनट से रात 10 बजकर 17 मिनट तक
सनातन शास्त्रों के अनुसार, भद्रा काल के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। हालांकि, इस बार भद्रा का वास पाताल लोक में होगा, इसलिए महाशिवरात्रि के दिन किसी भी समय भगवान शिव की पूजा की जा सकती है।
महाशिवरात्रि का पर्व भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करने वाला होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने और व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
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