/bansal-news/media/post_attachments/wp-content/uploads/2024/07/maharashtra-1.jpg)
सांगली। महाराष्ट्र के सांगली जिले का एक गांव अपने निवासियों को हर शाम 'डिजिटल डिटॉक्स' कराने के लिए प्रेरित कर आधुनिक जीवन में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की ‘अव्यवस्था’ से बाहर निकलने का रास्ता दिखा रहा है। यह विचार मोहित्यांचे वडगाँव गाँव के सरपंच विजय मोहिते ने रखा था और निवासी इस आदर्श पहल में उत्साह से भाग ले रहे हैं। स्थानीय मंदिर से शाम सात बजे एक सायरन बजता है, जो लोगों को अपने मोबाइल फोन और अन्य उपकरण एक तरफ रखने के साथ ही टेलीविजन सेट आदि को बंद करने तथा किताबें पढ़ने, अध्ययन करने और एक-दूसरे के साथ बात करने का संकेत देता है, जबकि दूसरा अलार्म रात 8.30 बजे बजता है जो ‘डिटॉक्स’ अवधि के समाप्त होने का संकेत देता है।
सरपंच ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कोविड-19 से संबंधित लॉकडाउन और उसके बाद ऑनलाइन कक्षाओं के कारण स्कूल समाप्त होने के बाद भी लंबे समय तक बच्चों के हाथों में मोबाइल फोन रहने लगा, जबकि माता-पिता अधिक समय तक टेलीविजन देखने लगे। उन्होंने कहा, 'जब प्रत्यक्ष रूप से कक्षाएं फिर से शुरू हुईं, तो शिक्षकों ने महसूस किया कि बच्चे आलसी हो गए हैं, पढ़ना-लिखना नहीं चाहते और उनमें से ज्यादातर स्कूल के समय से पहले और बाद में अपने मोबाइल फोन में तल्लीन रहते हैं। इसलिए मैंने ‘डिजिटल डिटॉक्स’ का विचार सामने रखा।' मोहिते ने कहा, ‘‘शुरू में, लोगों को झिझक थी तथा वे कहते थे कि क्या मोबाइल और टीवी स्क्रीन से दूर रहना संभव है। स्वतंत्रता दिवस पर, हमने महिलाओं की एक ग्राम सभा बुलाई और एक सायरन खरीदने का फैसला किया।
तब डिजिटल डिटॉक्स के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका, ग्राम पंचायत कर्मचारी और सेवानिवृत्त शिक्षक घर-घर गए।’’ उन्होंने कहा कि मोहित्यांचे वडगांव स्वतंत्रता सेनानियों का गांव रहा है तथा इसे राज्य और केंद्र सरकारों से स्वच्छता पुरस्कार मिले हैं। सरपंच ने कहा कि गांव को सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए जाना जाता है जहां हमेशा विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
मोहिते ने कहा, 'वर्तमान में, शाम सात बजे से रात 8.30 बजे के बीच, लोग अपने मोबाइल फोन एक तरफ रख देते हैं, टेलीविजन सेट बंद कर देते हैं और पढ़ने-लिखने, अध्ययन करने और एक-दूसरे से बातचीत पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इस पहल का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी निगरानी के लिए एक वार्ड-वार समिति गठित की गई है।’’
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें