NCP Minister: महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर चर्चा में है। इस बार उनकी चर्चा में रहने का कारण केंद्रीय मंत्रिमंडल में नेशनल कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) का मंत्री पद है। दरअसल, एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल का पद ठुकरा दिया है।
मंत्रिमंडल में राकांपा (अजीत गुट) से प्रफुल्ल पटेल को स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाने का ऑफर दिया था. लेकिन उन्होंने यह कहकर ऑफर को ठुकरा दिया कि वे पहले कैबिनेट मंत्री रहे हैं और स्वतंत्र प्रभार स्वीकार करना उनके लिए डिमोशन की तरह होगा।
कैबिनेट मंत्री राज्य मंत्री बनना डिमोशन की तरह
एनडीए सहयोगी दल अजित पवार की पार्टी केंद्रीय मंत्रिमंडल में उचित महत्व नहीं मिलना माना जा रहा है। हालांकि, प्रफुल्ल पटेल ने एनडीए में किसी तरह के मतभेद से साफ इनकार किया है। स्वतंत्र प्रभार को लेकर एनसीपी नेता प्रफुल्ल ने बताया कि उनको भारतीय जनता पार्टी ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का प्रस्ताव दिया था, जिसको उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।
मैं इससे पहले कैबिनेट मंत्री रह चुका हूं, इसलिए मैं अब अपना पद गिराना नहीं चाहता। ये उनके लिए डिमोशन होगा। बता दें कि प्रफुल्ल यूपीए सरकार में मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन पद पर रह चुके हैं।
2-3 महीनों में हमारे पास राज्यसभा सांसद होंगे
प्रफुल्ल पटेल ने आगे बताया कि अभी हमारे पर लोकसभा और राज्यसभा में एक-एक सांसद हैं, लेकिन आने वाले दो से तीन महीनों में हमारे पास राज्यसभा में कुल 2 सांसद होंगे। संसद में सांसदों की संख्या चार होगी। यही कारण है कि बमने कहा कि हमें एक (कैबिनेट मंत्रालय) सीट दी जानी चाहिए थी।
अजित पवार की भी यही मांग
प्रफुल्ल पटेल के अलावा अजित पवार ने भी यही मांग की है। अजित पवार ने कहा कि बमें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के बारे में सूचना दी गई थी, लेकिन प्रफुल्ल पटेल स्वयं कैबिनेट मंत्री पद पर कार्यभार पहले भी संभाल चुके हैं।
हमें खुशी है कि उन्होंने इसको लेकर हमें जानकारी दी, लेकिन उनके लिए कैबिनेट मंत्री के पद के बाद इस पद पर काम करना थोड़ा कठिन था। साथ ही जो भी मतभेद की अटकलें लगाई जा रही हैं वह सरासर गलत है।
एनसीपी में घमासान!
रविवार को नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से चंद घंटों पहले ऐसी खबरें आई थीं एनसीपी में कैबिनेट मंत्री के पद को लेकर घमासान शुरू हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राकांपा को सिर्फ एक पद दिया जाना था, जिसे लेकर दो सीनियर नेताओं प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के बीच घमासान मचा हुआ है।
इन दोनों ही नेताओं ने एनसीपी को मिल रहे एक कैबिनेट मंत्री के पद पर अपना-अपना दावा ठोका था। हालांकि, बाद में एनसीपी ने इस खबर को गलत बताया था।
शरद गुट के संपर्क में अजित गुट के नेता
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद महाराष्ट्र में कई तरह की राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। एनसीपी (शरद पवार गुट) की ताकत एक बार फिर बढ़ने के बाद अजित गुट के कई नेता उनके संपर्क में आने की खबरें चल रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शरद पवार काफी सक्रिय हैं और माना जा रहा है कि इसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है।
बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में एनसीपी (अजित पवार गुट) का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था, वह सिर्फ एक सीट जीतने में सफल रही थी, जिसके बाद से वह बैकफुट पर है। साथ ही इसको लेकर पवार परिवार में भी चर्चाओं का दौर चालू हैं।
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