मुंबई। महाराष्ट्र की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा है कि राज्य के पाठ्यक्रम बोर्ड बालभारती ने 400 टन से ज्यादा वजनी पुराने पाठ्यक्रम की पुस्तकों को ‘रद्दी’ बनाने का निर्णय लिया है। विधान परिषद में सोमवार को विधायक अरुण लाड द्वारा ‘महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक उत्पादन एवं पाठ्यक्रम अनुसंधान ब्यूरो’ (बालभारती) की पुरानी पुस्तकों को रद्दी बनाने के संदर्भ में पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए गायकवाड़ ने यह कहा।
रद्दी का रूप दे दिया गया है
मंत्री ने कहा, “यह सच है कि बालभारती ने पुराने पाठ्यक्रम वाली 426 टन वजनी पुस्तकों को रद्दी बनाने के लिए 17 अगस्त को निविदा आमंत्रित की थी। बोर्ड को इसके लिए पांच निविदाएं मिली हैं।” उन्होंने कहा, “पिछले तीन साल में, कक्षा दो, 11वीं और 12वीं की नई पाठ्यक्रम वाली पुस्तकें छपी हैं, इसलिए पुराने पाठ्यक्रम वाली पुस्तकों को लुगदी बनाने के लिए रद्दी का रूप दे दिया गया है।”