Mahalaxmi Vrat 2024 Date: मंगलवार को अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2024) के साथ ही गणेश उत्सव की समाप्ति हो गई है। इसके बाद भाद्रपद की पूर्णिमा के साथ ही क्वांर के महीने की शुरुआत हो जाएगी।
भादो के महीने की तरह ही क्वांर यानी अश्विनी महीने में भी कई खास और बड़े त्योहार आते हैं। इस महीने महालक्ष्मी व्रत, शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) आएगी।
महालक्ष्मी व्रत को गजलक्ष्मी (Gajlaxmi Puja 2024) और हाथी पूजा (Hathi Puja 2024) भी कहा जाता है।
ऐसे में यदि आप भी महालक्ष्मी व्रत (Mahalaxmi Vrat) रखती हैं और इसकी तिथि (Mahalaxmi Vrat 2024 Date Tithi in Hindi) को लेकर कंफ्यूज हैं कि महालक्ष्मी व्रत 24 सितंबर को है या 25 सितंबर को, तो चलिए आपको बताते हैं कि महालक्ष्मी व्रत 2024 की सही तिथि क्या (Mahalaxmi vrat ki sahi date kya) हैं।
कब है महालक्ष्मी व्रत
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार तिथियों के घटने बढ़ने के कारण पंचांगों में मतभेद हो जाता है। इस साल महालक्ष्मी व्रत 24 और 25 सितंबर (Mahalaxmi Vrat Exact Date 2024) दोनों दिन बता रहे हैं।
क्या है महालक्ष्मी व्रत की सही तिथि
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस साल महालक्ष्मी व्रत सही मायने में 24 सितंबर को रखा जाएगा।
इसलिए 24 सितंबर को ही होगा महालक्ष्मी व्रत
आपको बता दें महालक्ष्मी व्रत शायं कालीन और रात्रिकालीन व्रत होता है, चूंकि सप्तमी तिथि 24 सितंबर की शाम को 5:45 पर आ जाएगी।
ऐसे में यह व्रत 24 सितंबर को ही रखा जाएगा, चूंकि महालक्ष्मी व्रत की सप्तमी तिथि 25 सितंबर की शाम 4+44 तक
रहेगी ऐसे में कुछ महिलाएं अपनी सुविधा इस दिन भी व्रत रख सकती हैं।
सप्तमी तिथि
सप्तमी तिथि का प्रारंभ: 24 सितंबर को शाम 05:45 बजे से
सप्तमी तिथि की समाप्ति: 25 सितंबर को शाम 04:44 मिनट तक
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क्यों रखा जाता है महालक्ष्मी का व्रत (Mahalaxmi Vrat kyon Rakhte hain)
जीवन में सभी तक की सुख समृद्धि और धन संपत्ति प्राप्ति के लिए दीपावली पर मां लक्ष्मी की तरह क्वांर के महीने में महालक्ष्मी का व्रत किया जाता है। इसे गज लक्ष्मी व्रत कभी कहते हैं।
महालक्ष्मी व्रत का महत्व (Mahalaxmi Vrat 2024 significance)
इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में धन धान्य की कमी नहीं होती। इसे करने से महालक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। महालक्ष्मी व्रत की कथा अनुसार इस व्रत को माता कुंती ने किया था। इसके लिए स्वर्गलोक से गजराज धरती पर आए थे।
महालक्ष्मी व्रत के कई नाम
आपको बता दें महालक्ष्मी व्रत पूजा को गजलक्ष्मी और हाथी पूजा (When is Hathi Puja 2024) के नाम से भी जानते हैं। वो इसलिए क्योंकि इसमें हाथी की पूजा की जाती है।
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