Mahakumbh Shabnam Sheikh: मुंबई की मुस्लिम युवती (Muslim Girl) शबनम शेख ने प्रयागराज महाकुंभ में संगम में आस्था की डुबकी लगाई। बता दें, शबनम शेख पिछले साल अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में माथा टेक कर सुर्खियों में आई थी।
उसने यहां कई संत महात्माओं के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया और महाकुंभ में चल रहे विभिन्न सनातनी अनुष्ठानों में भाग लिया। शबनम ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Adityanath) द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए उन्हें बेमिसाल बताया।
महाकुंभ में शबनम शेख ने लगाई आस्था की डुबकी: जगतगुरू परमहंस आचार्य बोले- समाज को जोड़ती हैं ऐसी बेटियां #shabnamshaikh #mahakumbh #mahakumbhpragraj #prayagrajkumbhmela pic.twitter.com/CKGsuIv8QP
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) January 22, 2025
इस्लाम धर्म से होकर भी सनातन के प्रति आस्था
तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर, जगद्गुरु परमहंस आचार्य (Jagadguru Paramahamsa Acharya) का कहना है कि शबनम शेख जैसी बेटियां समाज को जोड़ने का काम करती हैं। वह इस्लाम धर्म से हैं, लेकिन सनातन धर्म के प्रति उनकी गहरी आस्था और सम्मान है। ऐसे लोगों का महाकुंभ में स्वागत है। विरोध और आपत्ति केवल उन पर है जो गलत इरादे से सनातनियों की आस्था के इस समागम में आना चाहते हैं।
फरवरी में फिर महाकुंभ में आएंगी शबनम शेख
प्रयागराज महाकुंभ में दो दिन बिताने के बाद शबनम शेख (Mahakumbh Shabnam Sheikh) वापस मुंबई लौट गई हैं। संभावना है कि वह फरवरी में फिर से महाकुंभ में आ सकती हैं।
महाकुंभ के दौरान, शबनम शेख अयोध्या की तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर, जगद्गुरु आचार्य परमहंस दास के शिविर में ठहरी थीं, जो सेक्टर 16 में स्थित है। महाकुंभ में त्रिवेणी स्नान और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में शबनम शेख की भागीदारी में जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने सहायता की।
फूलों की वर्षा के साथ हुआ स्वागत
मुंबई की 23 वर्षीय शबनम शेख शनिवार को महाकुंभ क्षेत्र में पहुंचीं। वह पारंपरिक मुस्लिम परिधान में थीं और नकाब पहने हुए थीं। महाकुंभ क्षेत्र में आगमन पर, तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने फूलों की वर्षा कर उनका स्वागत किया।
शबनम (Mahakumbh Shabnam Sheikh) ने शिविर में आयोजित धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी की पवित्र धारा में आस्था की डुबकी लगाने और संतों के दर्शन से उन्हें दिव्य अनुभूति हुई है। यह उनका महाकुंभ में पहला अनुभव था, जो उनकी अपेक्षाओं से कहीं अधिक सुखद रहा। उन्होंने यहां चल रहे यज्ञ में भी हिस्सा लिया।
महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर प्रतिबंध
शबनम शेख ने बताया कि वह बिना किसी भय के यहां आई थीं। महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर प्रतिबंध को लेकर हो रही चर्चा के बावजूद, उन्हें यहां पहुंचने पर कोई डर महसूस नहीं हुआ। हर किसी ने उनका आदर किया और संतों के शिविर में उनका स्वागत हुआ। महाकुंभ में आकर शबनम इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने फरवरी में दोबारा आने का फैसला किया है।
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मुंबई से पैदल चलकर पहुंची थी अयोध्या
उल्लेखनीय है कि शबनम शेख (Muslim Girl) मुंबई की निवासी हैं। एक साल पहले, अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के अवसर पर, वह मुंबई से पैदल चलकर अयोध्या पहुंची थीं।
पूरे रास्ते में उनका स्वागत किया गया था, और भगवान राम तथा सनातन धर्म के प्रति उनकी आस्था ने लोगों को चकित कर दिया था। सुरक्षा कारणों से उन्होंने महाकुंभ में अपनी उपस्थिति को सार्वजनिक नहीं किया था।