Ghazipur News: सनातन धर्म पर विवादित भाषणो को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले सांसद अफजाल अंसारी पर एक बार फिर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में 13 फरवरी की रात में शादियाबाद थाने में मुकदमा दर्ज हो गया है।
जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन देवप्रकाश सिंह पुत्र स्व. नंदलाल सिंह निवासी बद्धोपुर, थाना बिरनो ने शादियाबाद थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी है कि 12 फरवरी को शादियाबाद चौराहे पर गुरू रविदास महाराज जनसेवा संस्थान ट्रस्ट शादियाबाद के तत्वावधान में रविदास जी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा था, इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद अफजाल अंसारी थे।
धार्मिक भावनाएं आहत हुई
उन्होने अपने भाषण के दौरान महाकुंभ को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की है। जिससे मेरी व सनातन हिंदू धर्म को मानने वालें लोगो की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है। शादियाबाद पुलिस ने इस मामले की रिपोर्ट बीएनएस की धारा-299, 353(2) में सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
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पुलिस ने बताया कि इस मामले में मुकदमा दर्ज हो गया है, आगे की आवश्यक कार्रवाई हो रही है। बता दें कि इसके पहले भी सांसद अफजाल अंसारी ने महाकुंभ पर साधुओ के गाजा पीने को लेकर बयान दिया था उस मामले में भी मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए धारा 153ए (सामुदायिक सौहार्द को भड़काना) और अन्य प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की है। हालांकि, अंसारी ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने अंसारी के समर्थन में आवाज उठाई है, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने उनकी आलोचना की है। स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई साक्ष्य के आधार पर की जाएगी। महाकुंभ 2025 को लेकर यह विवाद एक नया मोड़ ले चुका है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।
ट्रेनों में भीड़ को लेकर कही ये बात
इस दौरान उन्होंने ट्रेनों से यात्रा करने वालों की भारी भीड़ पर बोलते हुए कहा ट्रेनों की हालत यह है कि लोग तोड़ रहे हैं शीशा और अंदर औरतों कांप रही हैं। बच्चों को गोद में छुपा कर रो रही हैं बिलख रही हैं। शीशा तोड़ने वाले और रेलवे स्टेशन पर हंगामा करने वाले लोग हमारे और आपके घर के बच्चे ट्रेनों के शीशे तोड़ रहे हैं। पुलिस वाले भी परेशान हैं और टीटी अपना काला कोट उतार कर झोले में रख दिया है।
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मैंने अपनी आंखों से देखा- अफजाल
सांसद ने आगे कहा- की कहीं भीड़ हमारी भी पिटाई ना कर दे। मैंने अपनी आंख से देखा जो ट्रेनों में तोड़फोड़ करने वाले हैं, उनकी उम्र 15 से 20 साल की है। इतनी भीड़ हो गई कि इन लोगों ने इतना अनुमान नहीं लग पाया था। भगदड़ में न जाने कितने लोगों की मौत हो गई लेकिन सही गिनती आज तक पता नहीं चल पाई। लौट के जो लोग आ रहे हैं, वह मौत का मंजर का बखान कर रहे हैं।