Mahakal Mandir Ropeway: महाकाल के दर्शन अब और भी सुगम होने वाले हैं। उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक जाने के लिए अब लोगों को ट्रैफिक के झंझट से नहीं जूझना नहीं पड़ेगा। स्टेशन से मंदिर तक भक्त केवल 7 मिनिट में पहुंचेंगे। आज से उज्जैन में रोप-वे का निर्माण शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत गणेश कॉलोनी से हो रही है। रोप-वे का डी-बोर्डिंग स्टेशन भी यहां बनेगा। फिलहाल तकनीकी विशेषज्ञों की टीम क्षेत्र में खुदाई करवा रही है। मिट्टी परीक्षण करने में जुटी हुई है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर डी-बोर्डिंग स्टेशन निर्माण के लिए ड्राइंग फाइनल की जाएगी।
इस तरह होगा रोप-वे का रूट
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने रोप-वे के लिए 189 करोड़ रुपए के बजट की स्वीकृति दी है। रोप-वे का निर्माण दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। उज्जैन में रोपवे का रूट तैयार किया गया है, जो रेलवे स्टेशन से त्रिवेणी होते हुए गणेश कॉलोनी तक जाएगा। इसकी कुल लंबाई 1.76 किलोमीटर होगी। इस रोपवे में तीन स्टेशन, 13 टावर और 48 केबिन होंगे। प्रत्येक केबिन में लगभग 10 लोगों के बैठने की क्षमता होगी। यात्रा का समय लगभग सात मिनट होगा।
रोप-वे की जरूरत क्यों
सामान्य दिनों में पहले महाकाल मंदिर में 50 हजार से एक लाख तक श्रद्धालु आते थे। अब ये आंकड़ा दोगुना हो गया है। त्योहार और विशेष अवसरों पर पहले 2 से 4 लाख तक श्रद्धालु पहुंचते थे। ये संख्या अब बढ़कर 4 से 8 लाख तक हो गई है। ऐसे में रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड से श्री महाकालेश्वर मंदिर व श्री महाकाल महालोक तक आवागमन के प्रमुख मार्ग पर भीड़ बढ़ गई, चक्काजाम होने लगा था।
रोप-वे की क्षमता
- रोप-वे का पहला स्टेशन रेलवे की जमीन पर बनाया जाएगा। दूसरा टेक्निकल स्टेशन त्रिवेणी संग्रहालय क्षेत्र की पार्किंग के पास और तीसरा डी-बोर्डिंग स्टेशन श्री गणेश कॉलोनी में बनाया जाएगा। इस तरह रोप-वे एल आकार में होगा। रोप-वे में कुल 48 केबिन रहेंगे। प्रत्येक की बैठक क्षमता करीब 10 लोगों की रहेगी। ट्रैवल टाइम करीब 7 मिनट रहेगा।