नई दिल्ली। सबसे पहले महाराष्ट्र के नासिक से एक 71 वर्षीय बुजुर्ग ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद उनके शरीर में लोहा चिपक रहा है। जिसके बाद देशभर से इस तरह के मामले सामने आने लगे। नासिक मामले में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने जांच के भी आदेश दे दिए हैं।
लोग क्या दावा कर रहे हैं
वहीं 71 वर्षीय अरविंद जगन्नाथ सोनार का कहना है कि 2 जून को उन्होंने कोविशिल्ड की दूसरी डोज ली थी। जिसके बाद उनके शरीर से लोहा चिपने लगा। उनके परिवार ने इस चीज को प्रमाणित करने के लिए एक वीडियो भी बनाया है। जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि सोनार के शरीर पर चम्मच, छोटी प्लेट और सिक्के चिपक रहे हैं।
मप्र के मैग्नेट मैन
हालांकि, शरीर पर लोहा चिपकने का यह कोई पहला मामला नहीं है। जब दुनिया में कोरोना नहीं था तब भी लोगों के शरीर पर लोहा चिपकता था। लेकिन, ये है कि तब ऐसे इक्के-दूक्के लोग ही थे जो शरीर पर लोहा चिपकने का दावा करते थे। इन्हीं लोगों में से एक है मध्य प्रदेश के सागर के रहने वाले अरूण रैकवार। इन्हें लोग ‘मैग्नेट मैन’ के नाम से भी जानते हैं। लोग सोचते हैं कि उनके शरीर से चु्म्बकीय शक्ति निकलती है। जिसके दम पर वे लोहे की किसी भी वस्तु को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
इंसानी शरीर में लोहा चिपकने को लेकर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक डिरपार्टमेंट के हेड डॉ नीरज गौर का कहा है कि यह कोई बड़ा मामला नहीं है। ऐसा किसी भी इंसान के साथ दो कारणों से होता है। पहला, मानव शरीर में चार खास घटक होते हैं। इसमें लाल कोशिकाएं, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा शामिल है। खून में जब प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ जाती है, तो ऐसा होता है। दूसरा कारण ये है कि, जहां भी व्यक्ति रह रहा हो, वहां का अर्थिंग बहुत स्टांग हो। साथ ही ऐसा भी संभव है कि अगर व्यक्ति जहां रहता है उसके आस-पास के वातावरण में चुंबकीय तत्व ज्यादा हो। जिसकी वजह से भी ऐसा संभव है।
PIB ने दावे को निराधार बताया
वहीं वैक्सीन लगवाने की वजह से शरीर चुंबकीय हो जा रहा है, इसका अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है। PIB की फैक्ट चेक टीम ने भी इस तरह के दावे को निराधार बताया है। PIB ने कहा कि टीका लोगों को चुंबकीय नहीं बनता यह पूरी तरह से सुरक्षित है। वैक्सीन में कोई धातु आधारित तत्व नहीं होते। वैक्सीन लगने से बस हल्के दुष्प्रभाव जरूर दिखते हैं जिसमें सिरदर्द, बुखार, कमजोरी आदि शामिल है।