नई दिल्ली। कल से माघ का Magh Month 2023 महीना शुरू हो रहा है। astrology जानकारों की मानें तो माघ के महीने को पहले माध का महीना कहते थे। जो बाद में माघ का महीना कहलाने लगा। ये महीना भगवान कृष्ण यानि हरि पूजा के लिए खास माना जाता है। आपको बता दें इस महीने संगम में कल्पवास होता है। इस साल 2023 में माघ का महीना 7 जनवरी से 5 फरवरी तक आएगा।
इसी महीने आते हैं सारे त्योहार —
आपको बता दें माघ का महीना इसलिए भी खास माना जाता है क्योंकि इस महीने में बहुत से व्रत त्योहार आते हैं। साथ ही प्रकृति भी अनुकूल होने लगती है। माघ शब्द का संबंध भगवान श्री कृष्ण के स्वरूप “माधव” से है। जानकारों की मानें तो ऐसी भी मान्यता है कि माघ के महीने में जहां कहीं भी जल हो, वह गंगाजल के समान हो जाता है। इसलिए माघ का ये पवित्र महीना तीर्थ स्नान, सूर्य देव, मां गंगा और श्री हरि विष्णु की पूजा के लिए खास माना जाता है।
महत्व — magh ka mahatv
माघ का महीना पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाने के magh-month-2023 लिहाज से खास माना जाता है। इस महीने डुबकी लगाने की महिमा अपरंपार है। साथ ही माघ में संगम पर कल्पवास करने की परंपरा है। ऐसा करने से शरीर और आत्मा पवित्र हो जाती है।
क्या हैं माघ महीने के नियम —magh mahiye ke niyam
- माघ के महीने के नियमों की बात करें तो ऐसा माना जाता है कि इस महीने में गर्म पानी से स्नान करना धीरे धीरे बंद करके सामान्य जल से स्नान करना शुरू करना चाहिए। इतना ही नहीं सुबह देर तक सोना, स्नान न करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
- माघ के महीने से भारी भोजन छोड़ देना चाहिए।
- माघ के महीने से तिल और गुड़ का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है।
- ऐसा भी माना जाता है कि इस महीने से अगर एक समय का भोजन किया जाए आरोग्यता और एकाग्रता बढ़ती है।
- इस महीने के साथ ही खरमास की समाप्ति हो जाती है।
- इस महीने से शुभ व मांगलिक कार्यों शुरू हो जाते हैं।
माघ के महाउपाय – magh mahiye ke upay
माघ के महीने में रोज सुबह भगवान कृष्ण को पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें. ‘मधुराष्टक’ का पाठ करें।
अपनी क्षमता अनुसार रोजाना किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं।
संभव हो तो एक ही वक्त भोजन करें
माघ के प्रमुख व्रत-त्योहार -magh tyohar
- संकष्ठी चतुर्थी- संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है, संतान की चिंताएं दूर होती हैं
- षठतिला एकादशी- इसमें तिल का विशेष प्रयोग करके स्वास्थ्य और समृद्धि पाते हैं
- मौनी अमावस्या- इसमें मौन रहकर पाप नाश और आत्मा की शुद्धि की साधना करते हैं
- बसंत पंचमी- ज्ञान, विद्या बुद्धि के लिए माँ सरस्वती की उपासना करते हैं
- जया एकादशी- इस दिन विशेष प्रयोग करने से ऋणों तथा दोषों से मुक्ति मिलती है
- माघी पूर्णिमा- इस दिन शिव और विष्णु , दोनों की संयुक्त कृपा मिलती है.
दान की सावधानियां और नियम – daan ke niyam
- माघ एक ऐसा महीना जिसमें किया हुआ दान अक्षय फल प्रदान करता है। एक ऐसा महीना जिसके आने से शुभ और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। हालांकि इस महीने दान करते वक्त कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना जरूरी है।
- साथ ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दान कभी भी किसी दबाव में नहीं देना चाहिए।
- दान कभी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए जो कुपात्र हो।
- जो भी वस्तुएं दान में दी जाएं वो उत्तम कोटि की होनी चाहिए।
- कुंडली में जो ग्रह महत्वपूर्ण हों उनका दान कभी न करें।
- दान में मांस,मदिरा आदि वस्तुएं न दें तो उत्तम है।
- दान देते समय मन में हमेशा ये भाव रखें कि ये वस्तु ईश्वर की दी हुई है।
- ये सेवा या दान मैं ईश्वर को ही कर रहा हूं।