Advertisment

मध्यप्रदेश में 'सजाक्स' संगठन का ऐलान: जनरल, OBC, माइनॉरिटी वर्ग एकजुट, प्रमोशन समेत अन्य मुद्दों पर करेंगे काम

मध्यप्रदेश में 'सनातनी सामान्य ओबीसी अल्पसंख्यक जाति अधिकारी कर्मचारी पेंशनर्स संघ' के गठन का ऐलान किया गया। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति अधिकारी-कर्मचारी संघ की तर्ज पर सजाक्स का गठन किया जाएगा।

author-image
sanjay warude
Sajaks

MP Sajaks: मध्यप्रदेश में सनातनी सामान्य ओबीसी अल्पसंख्यक जाति अधिकारी कर्मचारी पेंशनर्स संघ के गठन का ऐलान किया गया। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति अधिकारी-कर्मचारी संघ की तर्ज पर सजाक्स का गठन किया जाएगा।

Advertisment

सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग की दयनीय स्थिति पर विचार करने के लिए तुलसीनगर स्थित संकटमोचन हनुमान मंदिर में एक विचार गोष्ठी हुई। प्रदेश के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ कर्मचारी नेताओं ने इस गोष्ठी में भाग लिया और एकमत से स्वीकार किया कि जनरल, ओबीसी, माइनॉरिटी वर्गों के कर्मचारियों की दशा अब 'दुर्दशा' में बदल चुकी है।

अजाक्स-जयस की मांगों पर सरकार गंभीर

विचार गोष्ठी का मुख्य निष्कर्ष यह रहा कि एससी-एसटी वर्ग के संगठन जैसे अजाक्स और जयस लगातार जमीनी प्रतिक्रिया देते हैं, जिसके कारण उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाता है। इसी मॉडल का अनुसरण करते हुए अब सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग भी एकजुट होकर एक नया संगठन बनाने जा रहा है। संगठन के गठन के लिए इंजी. सुधीर नायक को अधिकृत किया गया है।

संगठन की प्रमुख चिंताएं और आरोप

वक्ताओं ने एकजुट होकर कई गंभीर आरोप लगाए:

न्याय में देरी: यह आरोप लगाया गया कि लगातार 20 दिन आंदोलन के बावजूद इन वर्गों के लोगों की एक अदद FIR तक दर्ज नहीं हो पाती है, जबकि अन्य वर्ग के लोगों की भावनाएं आहत होने पर दूर-दराज के राज्यों में भी तुरंत FIR हो जाती है।

Advertisment

पदोन्नति में अन्याय: वक्ताओं ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद, पिछले एक दशक से सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित रखा गया, जबकि एससी-एसटी वर्ग को नाराज न करने की चिंता प्रशासन को हमेशा रही। इस दौरान एक लाख से अधिक कर्मचारी बिना पदोन्नति पाए रिटायर हो गए।

संख्या पर दबदबा: गोष्ठी में बताया गया कि प्रदेश की आबादी में सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग की हिस्सेदारी 64% है, जबकि एससी-एसटी वर्ग की 36%। इसके बावजूद 36% वाला वर्ग 64% पर हावी है।

नया संगठन 'सजाक्स' की मुख्य मांगें

पदोन्नति में अन्याय पर कार्रवाई: 2016 से बिना पदोन्नति पाए रिटायर हुए कर्मचारियों को भूतलक्षी प्रभाव से पदोन्नति देकर पेंशन का पुनर्निर्धारण किया जाए।

Advertisment

रिवर्ट करना: 2002 से 2016 के बीच एससी-एसटी वर्ग की असंवैधानिक तरीके से ली गई पदोन्नतियां खत्म करवाकर रिवर्ट करवाया जाए।

आरक्षण सुधार: एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर और उपवर्गीकरण को सख्ती से लागू किया जाए।

आरक्षण की सीमा: इंदिरा साहनी केस की 50% सीमा के अनुसार, एससी-एसटी आरक्षण को 36% से घटाकर 18% किया जाए।

Advertisment

एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग: एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के व्यापक पैमाने पर हो रहे दुरुपयोग को रोकने के उपाय किए जाएं।

अन्य मांगें: शिक्षा और स्वास्थ्य में आरक्षण खत्म हो, निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू न हो, सामान्य वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा मिले और अंतर्जातीय विवाह पर प्रोत्साहन राशि बंद की जाए।

संगठन की कैसी संरचना: पूर्व मंत्रियों, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिसों को संगठन का संरक्षक और मार्गदर्शक बनाया जाएगा।

Advertisment

जमीनी स्तर पर सक्रियता: सजाक्स की सक्रिय शाखाएं ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय स्तर तक गठित की जाएंगी, ताकि अन्याय होने पर हर गांव-कस्बे से तुरंत प्रतिक्रिया आ सके।

ब्लैकमेलिंग रोके: बुद्धिजीवियों और समाजसेवियों से अपील की गई है कि वे आरक्षण को न्यायसंगत बनाने और मौजूदा संगठनों की "ब्लैकमेलिंग" रोकने के लिए आगे आएं।

संगठन से ऐसे जुड़े: संगठन से जुड़ने के लिए वॉट्सऐप नंबर 9399954378, 9407254431, 9425373922 जारी किया गया है। जिसपर जनरल, ओबीसी और माइनॉरिटी के अधिकारी-कर्मचारी जुड़ सकते हैं।

Advertisment
MP Sajaks
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें