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एमपी में ठंड के साइड इफेक्ट: हेल्थ डिपार्टमेंट की एडवाइजरी- गर्म पदार्थ लें, सुन्नता, कंपकंपी महसूस हो तो डॉक्टर को दिखाएं

तापमान में भारी गिरावट की संभावना को देखते हुए सरकार ने सभी सरकारी और निजी चिकित्सा संस्थानों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। एनडीएमए और एनसीडीसी की एडवायजरी के आधार पर मेडिकल कॉलेजों के डीन और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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sanjay warude
MP Hypothermia Declared Medical Emergency

MP Hypothermia Declared Medical Emergency: मध्यप्रदेश में दिसंबर के अंत और जनवरी की शुरुआत में कड़के की ठंड और संभावित शीतलहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में पुख्ता इंतजाम शुरू कर दिए हैं। 

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तापमान में भारी गिरावट की संभावना को देखते हुए सरकार ने सभी सरकारी और निजी चिकित्सा संस्थानों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार ने एनडीएमए (NDMA) और एनसीडीसी (NCDC) की एडवायजरी के आधार पर सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

अस्पताल अलर्ट मोड पर: सभी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां, कंबल और जीवन रक्षक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है।

आपातकालीन सेवा: हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट जैसी गंभीर स्थितियों को 'मेडिकल इमरजेंसी' मानकर तुरंत इलाज शुरू करने के निर्देश हैं।

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निगरानी: बेघर लोगों और रैन बसेरों में रह रहे लोगों की स्वास्थ्य जांच पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।

जोखिम वाले समूह (High-Risk Groups)

विशेषज्ञों के अनुसार, लोगों को शीतलहर से सबसे ज्यादा खतरा है।

65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और 5 साल से कम उम्र के बच्चे।

हृदय रोग, अस्थमा या सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीज।

सड़कों पर रहने वाले बेघर और खुले में काम करने वाले मजदूर।

भोपाल का मौसम और सेहत पर असर

बुधवार को मौसम के अजीब मिजाज ने विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है

तापमान का अंतर: भोपाल में दिन का अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री रहा, जबकि रात का पारा गिरकर 5.1 डिग्री तक पहुंच गया।

स्वास्थ्य जोखिम: विशेषज्ञ के मुताबिक, दिन और रात के तापमान में 21.1 डिग्री का यह बड़ा अंतर त्वचा संक्रमण और वायरल बीमारियों को न्योता दे सकता है।

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क्या हैं हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट ?

हाइपोथर्मिया: यह वह स्थिति है जब शरीर का तापमान सामान्य 37 से गिरकर 35 या उससे नीचे चला जाता है। इसमें दिल और दिमाग काम करना बंद कर सकते हैं।

फ्रॉस्टबाइट: अत्यधिक ठंड के कारण शरीर के अंगों (जैसे उंगलियां, नाक) का सुन्न होना, सफेद पड़ना या काले छाले पड़ना।

बचाव के तरीके क्या हैं (एडवायजरी)

खान-पान: पर्याप्त मात्रा में गर्म तरल पदार्थ लें और विटामिन-सी युक्त फलों का सेवन करें।

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सुरक्षा: ठंडी हवाओं के सीधे संपर्क में आने से बचें और शरीर को गर्म कपड़ों से पूरी तरह ढक कर रखें।

सतर्कता: सुन्नता या अत्यधिक कंपकंपी महसूस होने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।

MP Hypothermia Declared Medical Emergency
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