
MP Assembly Special Session:मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) की स्थापना के 69 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बुधवार (17 दिसंबर) को एक दिवसीय विशेष सत्र (Special Session) शुरू हो चुका है। सत्र की शुरुआत से पहले ही राजनीतिक माहौल गरमा गया। मनरेगा योजना (MNREGA Scheme) का नाम बदलने के मुद्दे पर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में जोरदार नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भाजपा पर महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के नाम से डरने का आरोप लगाया, वहीं भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने नाम परिवर्तन का खुलकर समर्थन किया।
विशेष सत्र में 7 घंटे होगी चर्चा
मध्यप्रदेश विधानसभा के 69 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यह विशेष सत्र बुलाया गया है। अध्यक्ष ने जानकारी दी कि सत्र में कुल 7 घंटे की चर्चा होगी, जिसमें दो घंटे का समय मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के लिए निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने सदन में प्रस्ताव रखते हुए आत्मनिर्भर, विकसित और समृद्ध मध्यप्रदेश की दिशा में आगे बढ़ने की बात कही।
सीएम बोले- विधानसभा की ऐतिहासिक स्मृतियां हो रही हैं जीवंत
सत्र की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1956 में गठित विधानसभा की ऐतिहासिक यात्रा और उससे जुड़ी स्मृतियां इस विशेष सत्र के माध्यम से फिर से जीवंत हो रही हैं। उन्होंने बाबा महाकाल (Baba Mahakal) की नगरी से मिली प्रेरणा का उल्लेख करते हुए कहा कि लोकतंत्र की असली ताकत विचारों के स्वतंत्र आदान-प्रदान में है और यही इसकी खूबसूरती है।
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मनरेगा नाम बदलने के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन
सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस विधायकों ने मनरेगा योजना का नाम बदलने के विरोध में विधानसभा परिसर में नारेबाजी शुरू कर दी। गांधी प्रतिमा के सामने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक एकजुट हुए। उनका कहना था कि केंद्र सरकार ने पहले योजना के बजट में कटौती की और अब महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी योजना का नाम बदलने की कोशिश की जा रही है।
उमंग सिंघार बोले- बीजेपी को बापू से डर लगता है
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी गांधी जी के चरखे की बात करते हैं, दूसरी तरफ महात्मा गांधी के नाम पर चल रही मनरेगा योजना में पैसा देना बंद कर दिया गया। अब योजना का नाम बदलने की तैयारी है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भाजपा को बापू से डर लगता है।
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भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने नाम बदलने का किया समर्थन
मनरेगा योजना के नाम परिवर्तन पर भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि अच्छा हुआ इस योजना का नाम बदला गया। उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि अब दिन में जितनी बार भी इस योजना का जिक्र होगा, लोग भगवान राम (Lord Ram) का नाम लेंगे। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो गई।
रतलाम के जिला अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
इसी बीच अलीराजपुर के बाद अब रतलाम जिले से भी बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। रतलाम जिला कांग्रेस अध्यक्ष हर्षविजय गहलोत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (PCC Chief) जीतू पटवारी को भेजा है। जानकारी के अनुसार ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद हर्षविजय गहलोत ने यह कदम उठाया। अपने इस्तीफे में उन्होंने स्पष्ट किया है कि पारिवारिक दायित्वों और अपने विधानसभा क्षेत्र से जुड़े कार्यों के चलते वे जिला अध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी ठीक से निभा नहीं पा रहे हैं। इन्हीं दोनों कारणों को आधार बनाते हुए उन्होंने जिला कांग्रेस अध्यक्ष के पद से अलग होने का निर्णय लिया है।
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लैंड पूलिंग एक्ट पर बोले आरिफ मसूद
उज्जैन में लैंड पूलिंग एक्ट वापस लिए जाने पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो सरकार पहले अकड़ में रहती थी, उसे जनता और कांग्रेस की मांग के आगे झुकना पड़ा। मसूद के अनुसार उज्जैन के किसानों की लगातार मांग थी कि लैंड पूलिंग एक्ट को वापस लिया जाए और आखिरकार सरकार को यह फैसला लेना पड़ा। उन्होंने इसे जनता और कांग्रेस की जीत बताया।
विधानसभा सत्र के चलते राजधानी में सख्त सुरक्षा व्यवस्था
विधानसभा सत्र को देखते हुए राजधानी भोपाल में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। लोकशांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस आयुक्त भोपाल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 लागू की है। यह आदेश 17 दिसंबर को सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक या सत्रावसान तक प्रभावी रहेगा। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर हथियार, लाठी, डंडा, पत्थर, चाकू और आग्नेय शस्त्र लेकर चलने पर रोक रहेगी। विधानसभा परिसर के 5 किलोमीटर के दायरे में ट्रक, ट्रैक्टर-ट्रॉली, डंपर और यातायात बाधित करने वाले वाहनों का प्रवेश भी प्रतिबंधित रहेगा।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार की नीयत पर उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि नेता और नीति तो हैं, लेकिन नीयत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा की कार्यवाही का लाइव टेलीकास्ट होता तो प्रदेश की 8 करोड़ जनता देख पाती कि सरकार 2047 के लिए क्या योजना लेकर आई है। उन्होंने लैंड पूलिंग एक्ट वापस लेने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी, लेकिन साथ ही किसानों को एमएसपी की गारंटी, ओबीसी को 26 प्रतिशत आरक्षण, 24 घंटे बिजली, खाद की उपलब्धता, लाडली बहनों को 3 हजार रुपए, शिक्षा के खाली पद भरने और मजदूरों को 100 दिन रोजगार देने की मांग रखी।
मुख्यमंत्री बोले- एमपी में परिवर्तन का नया दौर शुरू
मुख्यमंत्री ने विशेष सत्र को सभी के लिए सौभाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि बाबा महाकाल की नगरी से मिली प्रेरणा पूरे प्रदेश में फैली है। सरकार ने दूरगामी फैसले लिए हैं, जो भविष्य में मील का पत्थर साबित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बीमार राज्य को विकसित राज्य की श्रेणी में लाने का काम किया है और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की दिशा में नया दौर शुरू होगा।
नक्सलवाद पर सरकार का सख्त रुख
मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि 11 दिसंबर को नक्सलियों को अंतिम सलाम दिया गया। उन्होंने 1999 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय कांग्रेस सरकार के मंत्री की नक्सलियों ने हत्या की थी। उन्होंने भारतीय मुजाहिदीन और आईएसआईएस नेटवर्क को भी ध्वस्त किए जाने का उल्लेख किया।
विजयवर्गीय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के काम गिनाए
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सदन में पूर्व मुख्यमंत्रियों के कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने सुंदरलाल पटवा, बाबूलाल गौर, दिग्विजय सिंह और शिवराज सिंह चौहान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश को सबसे ज्यादा योजनाएं दीं और दूसरे राज्य भी उनकी नकल कर रहे हैं।
विजयवर्गीय के लंबे भाषण पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की टिप्पणी के बाद सदन में ठहाके लगे। विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री के सूट-बूट और मंत्रियों की साधारण वेशभूषा पर टिप्पणी की, जिस पर भी सदन में हंसी का माहौल बना।
विधानसभा कार्यवाही लाइव किए जाने की मांग
कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने विधानसभा की कार्यवाही लाइव किए जाने और उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति की मांग उठाई। वहीं मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि विधानसभा के 75 साल पूरे होने पर मध्य प्रदेश कैसा होगा, इस पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए और पंचायत भवनों के निर्माण की जानकारी दी।
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