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मध्यप्रदेश में 7 दवाइयों पर बैन
MP 7 Medicines Ban: छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप से 20 से ज्यादा बच्चों की जान गई थी। इसी बीच जांच में पता चला कि बिछुआ गांव में 5 महीने की बच्ची की आयुर्वेदिक दवा पीने से मौत हो गई। परिजन ने सर्दी-खांसी होने पर आयुर्वेदिक दवा दी थी जो जांच में फेल हो गई है। अब MP सरकार ने डाबर-शिवायु-धनवंतरि कंपनी की 7 दवाइयों पर बैन लगा दिया है।
इन 7 दवाइयों पर बैन
गिलोय सत्व
कामदुधा रस
प्रवाल पिष्टी
मुक्ता शक्ति भस्म
लक्ष्मी विलास रस
कफकुठार रस
कासमृत सिरप
दवाइयों में कमियां
आयुर्वेदिक दवाइयों की लैब ग्वालियर में है। जांच में सामने आया कि जिन आयुर्वेदिक दवाओं पर बैन लगाया है। संभवत: उनमें डोज का अनुपात बिगड़ा है। इसके साथ ही उनकी पैकिंग में गड़बड़ी है। सभी दवाइयों पूरे प्रदेश की दुकानों से अलग कर दिया गया है। आयुष विभाग ने सभी जिले के अधिकारियों को जांच करते हुए सैंपलिंग करने के बाद दवाओं को जब्त करने के निर्देश दिए हैं।
जांच कर रही टीम
जबलपुर जिला आयुष अधिकारी डॉ. सुरत्ना सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर जबलपुर में जांच शुरू करते हुए दवाओं को बरामद किया जा रहा है। ये काम डॉक्टरों की टीम कर रही है। जिले के ज्यादातर दुकान संचालकों ने इन बैच नंबर की दवाइयों को अलग कर दिया है। जिला आयुष अधिकारी का कहना है कि टीम लगातार हर दुकान में जांच कर रही है। अगर कोई बैन की गई दवाइयों को बेचते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गलत दवाइयां नहीं बिकेंगी
मेडिकल संचालकों का कहना है कि दवाइओं से अगर बच्चों को मौत हो जाए तो ये गंभीर मामला है। सरकार का ये कदम बिल्कुल सही है। वो दवाइयां जहर बन जाती हैं, उन्हें दुकानों से हटा दिया जाए। आमतौर पर विक्रेता सिर्फ दवाइओं को बेचता है, न कि दवा बनाता है, अगर कोई विक्रेता एक्सपायरी डेट की दवाइयां बेचता रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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