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खंडवा में फिर घर वापसी: रिजवाना ने अपनाया सनातन धर्म, आराध्या बनकर अतुल के साथ लिए 7 फेरे, पहना मंगलसूत्र

खंडवा में घर वापसी का सिलसिला तेजी से बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में मुस्लिम युवतियों ने हिंदू धर्म को अपनाकर अपने प्रेमियों से शादी की है। अब रिजवाना ने आराध्या नाम अपनाकर अतुल के साथ सात फेरे लिए हैं।

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Vikram Jain
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रिजवाना और अतुल ने महादेवगढ़ मंदिर में वैदिक विधि से विवाह किया।

Khandwa Mahadevgarh Temple Interfaith marriage Religious Conversion: मध्यप्रदेश के खंडवा का प्रसिद्ध महादेवगढ़ मंदिर एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है। इस मंदिर परिसर में एक बेहद अनोखा विवाह संपन्न हुआ, यहां हरदा जिले की रहने वाली मुस्लिम युवती रिजवाना ने अपनी धार्मिक पहचान बदलते हुए सनातन धर्म अपनाया और नया नाम आराध्या रखकर हरदा के ही अपने प्रेमी अतुल से हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली। यह शादी इसलिए खास है क्योंकि रिजवाना ने अपने प्रेम को पाने के लिए यह साहसिक फैसला लिया, जबकि उनके परिवार को यह रिश्ता स्वीकार नहीं था।

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रिजवाना बनी आराध्या, हुई शादी की रस्में

खंडवा का प्रसिद्ध महादेवगढ़ मंदिर प्रेम और आस्था के संगम का साक्षी बना, जहाँ हरदा जिले की मुस्लिम युवती रिजवाना ने सनातन धर्म अपनाकर नया नाम आराध्या रखा। आराध्या ने पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ हरदा के ही अतुल से वैदिक विधि-विधान से विवाह किया। दोनों ने अग्नि के सामने मंत्रोच्चार के साथ 7 फेरे लिए।

मंदिर परिसर में कन्यादान और मंगलसूत्र पहनाने जैसी सभी पारंपरिक रस्में विधिपूर्वक संपन्न हुईं। विवाह संपन्न होने के बाद आराध्या ने भगवान महादेवगढ़ और माता दुर्गा का आशीर्वाद लिया। उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वह जीवनभर मां दुर्गा की आराधना करती रहेंगी।

नाम बदला, धर्म बदला, शादी की रस्में हुईं पूरी

रिजवाना (उर्फ आराध्या) ने धर्मांतरण की इच्छा जताते हुए महादेवगढ़ मंदिर के संचालक अशोक पालीवाल से संपर्क किया। उनके मार्गदर्शन में रिजवाना और अतुल दोनों को खंडवा बुलाया गया, जहाँ उनकी सहमति सुनिश्चित की गई। इसके बाद, मंदिर के पुजारियों की मौजूदगी में, धर्मांतरण की पूरी प्रक्रिया वैदिक विधि-विधान के अनुसार संपन्न हुई।

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सनातन में आस्था, रखे सोलह सोमवार के व्रत

अतुल से शादी करने के बाद आराध्या ने स्पष्ट किया कि सनातन धर्म अपनाने का फैसला उन्होंने पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ किया है। उन्होंने स्पष्ठ कहा, मैंने किसी दबाव में नहीं, बल्कि अपनी इच्छा से धर्म अपनाया और अपने जीवनसाथी को चुना है।

उन्होंने बताया कि कई महीनों तक सनातन परंपराओं को समझा और नवरात्रि में नौ दिनों तक माता दुर्गा की आराधना भी कीं। पूरी श्रद्धा से वह कई महीनों से 16 सोमवार का व्रत कर रही थीं। शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना की। आराध्या और अतुल ने विवाह के बाद सामाजिक रूप से अपनी नई शुरुआत की इच्छा जताई है।

Khandwa Mahadevgarh Temple Interfaith marriage
आराध्या और अतुल ने लिए सात फेरे, मंगलसूत्र पहनाकर विवाह की रस्म पूरी हुई।
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बचपन का प्यार और परिवार का विरोध

आराध्या ( पहले रिजवाना) और अतुल की प्रेम कहानी उनके बचपन से जुड़ी हुई है, और समय के साथ उनका यह रिश्ता और भी गहरा होता गया। हालांकि, युवती के परिवार को यह संबंध बिल्कुल स्वीकार नहीं था, जिसके कारण उन्हें लंबे समय तक परिवार के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। इनके बावजूद, युवती ने हिम्मत दिखाते हुए अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण फैसला स्वयं लेने का साहसिक निर्णय लिया, और अपने हिंदू प्रेमी के प्यार के लिए सनातन धर्म को अपना लिया।

महादेवगढ़ मंदिर बना अनोखे विवाहों का केंद्र

खंडवा का महादेवगढ़ मंदिर अपनी आस्था के लिए जाना जाता है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह ऐसे अनोखे विवाहों के कारण सुर्खियों में है। दो दिन पहले ही, इसी मंदिर में सानिया अली नाम की युवती ने सती बनकर निखिल से शादी की थी। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि ये विवाह आपसी सहमति और वैधानिक रूप से मान्य तरीके से संपन्न हुए हैं।

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