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Indore EOW Action: इंदौर शहर की उत्कर्ष पैराडाइज कॉलोनी में एएम गिन्नी बहुमंजिला इमारत बनाने के नाम पर करोड़ों का गबन करने वाले बिल्डरों के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
आरोपियों ने न केवल मूल जमीन मालिकों का भुगतान रोका, बल्कि फ्लैट खरीदारों से लाखों रुपए ऐंठने के बाद भी उन्हें पजेशन नहीं दिया। ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने मिलकर प्लानिंग के तहत कुल 3 करोड़ 12 लाख 42 हजार 623 रुपए की जालसाजी की है। पुलिस आरोपियों की संपत्तियों और अन्य बैंक खातों की जानकारी जुटा रही है।
ये हैं इंदौर के जालसाज बिल्डर ?
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने एएम बिल्डर एण्ड डेवलपर्स के डायरेक्टर साजिद शेख, अलमोईन देवकॉन प्रा.लि. डायरेक्टर मोहम्मद राशिद शेख और जेएसआर रियलिटी के डायरेक्टर मोहम्मद जावेद शेख के खिलाफ धारा 409, 420 और 120-बी के तहत नामजद केस दर्ज किया है।
कैसे बुना गया जालसाजी का ताना-बाना?
वर्ष 2012 में गौतम जैन ने उत्कर्ष पैराडाइज में एक बड़ी 17151 वर्गफीट जमीन खरीदी थी। बिल्डर साजिद शेख ने इस पर मल्टी बनाने का अनुबंध किया और ₹1.50 करोड़ के 6 चेक दिए, जो बाउंस हो गए। इसके बाद साजिद ने चालाकी से पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर जमीन अपने भाई राशिद शेख की कंपनी को रजिस्ट्री कर दी।
₹100 के स्टाम्प पर सौदा, रजिस्ट्री नहीं
जमीन मालिक गौतम जैन ने बिल्डर साजिद शेख से पैसे मांगे, तो तीसरे भाई जावेद शेख ने महू की गोल्डसिटी में एक प्लॉट का सौदा ₹100 के स्टाम्प पर कर लिया, लेकिन उसकी कभी रजिस्ट्री नहीं की। इस तरह मूल मालिक की जमीन हड़प ली गई। आरोपियों ने इस प्लॉट पर 52 फ्लैट्स की मल्टी एएम गिन्नी का काम शुरू किया।
EOW ने जांच में पाया साठगांठ कर गबन
बिल्डर ने कमलेश सैनानी से ₹15.65 लाख और स्नेहलता हांडा से 6 फ्लैट्स के नाम पर ₹27.64 लाख वसूल लिए। 12 साल बीत जाने के बाद भी निर्माण अधूरा है और काम बंद पड़ा है। खरीदारों को आज तक पजेशन नहीं मिला। शिकायत की प्रारंभिक जांच में EOW ने साजिद, राशिद और जावेद की आपसी साठगांठ कर गबन पाया।
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