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नेशनल हाईवे चौड़ीकरण की मांग को लेकर बरैठा टोल प्लाजा पर संत समाज का आंदोलन।
Bhind Baretha Toll Plaza Free Saints Protest: मध्यप्रदेश के भिंड जिले में सोमवार को सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर एक अनोखा प्रदर्शन देखने को मिला। 'मौत का हाईवे' बन चुके NH-719 की जर्जर हालत से नाराज दंदरौआ धाम के महंत और सैकड़ों संतों ने बरैठा टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया। 'रोड नहीं तो टैक्स नहीं' के नारे के साथ संतों ने टोल बैरियर हटवा दिए और संतों ने करीब 2 घंटे तक टोल प्लाजा को पूरी तरह फ्री रखा और वाहनों को बिना टैक्स गुजारा।
इस दौरान विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे भी संतों के समर्थन में धरने पर बैठे। कटारे ने इस आंदोलन को जायज बताते हुए सरकार को 'कुंभकर्णी नींद' में बताया। संत समाज के आंदोलन को लेकर भारी पुलिस बल तैनात रहा। संतों का धरना खत्म होते ही टोल बैरियर वापस लगा दिए गए और बंद पड़ी टोल वसूली दोबारा शुरू हुई।
संतों का आंदोलन, हाईवे चौड़ीकरण की मांग
नेशनल हाईवे-719 पर आए दिन हो रहे हादसों और सड़क की जर्जर स्थिति ने अब संत समाज के सब्र का बांध तोड़ दिया है। सोमवार को दंदरौआ धाम के महंत रामदास महाराज और संत समिति के अध्यक्ष कालिदास महाराज के नेतृत्व में सैकड़ों साधु-संतों मालनपुर स्थित बरैठा टोल प्लाजा पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया और वहां चल रही टोल की वसूली को बंद करा दिया। इस दौरान संत समाज ने नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण की मांग उठाई।
संत बोले- रोड नहीं तो टोल भी नहीं, हटाए बैरियर
संतों का कहना है कि जिस सड़क पर चलना दूभर हो, वहां टोल किस बात का वसूला जा रहा है? इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने टोल कर्मियों को हटाकर खुद बैरियर खोल दिए। लगभग दो घंटे तक यह हाई-वोल्टेज ड्रामा चलता रहा, जिससे टोल कंपनी को लाखों का नुकसान हुआ। संतों के साथ पूर्व सैनिक और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी शामिल थे।
गडकरी के आदेश की अनदेखी का आरोप
आंदोलन के दौरान संतों ने बताया कि 7 महीने पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपस्थिति में अधिकारियों को फटकार लगाई थी और निर्देश दिया था कि पहले सड़क बनेगी फिर टोल लिया जाएगा। अधिकारियों ने 2028 तक काम पूरा करने का वादा किया था, लेकिन धरातल पर अब तक एक ईंट भी नहीं रखी गई।
दोबारा टोल बंद करने की चेतावनी
हंगामे की सूचना मिलते ही भिंड और ग्वालियर का प्रशासनिक अमला भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचा। अधिकारियों ने संतों को दस्तावेज दिखाते हुए भरोसा दिलाया कि हाईवे चौड़ीकरण का प्रोजेक्ट सरकार को भेजा जा चुका है। अगले 7-8 महीनों में डीपीआर (DPR) तैयार कर भूमि अधिग्रहण शुरू कर दिया जाएगा। इस आश्वासन के बाद संतों ने चेतावनी देते हुए आंदोलन स्थगित किया कि यदि इस बार भी देरी हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
नो रोड, नो टोल की मांग जायज
विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने आंदोलन को जायज ठहराते हुए कहा कि जर्जर सड़क और हादसों के बीच टोल वसूली एक मजाक है। संतों के साथ धरने पर बैठकर उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा— 'जब रोड ही नहीं, तो टोल कैसा? उन्होंने कहा कि NH-719 अब मौत का हाईवे बन चुका है और सरकार कुंभकर्णी नींद सो रही है। कटारे ने संतों की 'नो रोड, नो टोल' की मांग का खुला समर्थन किया और कहा कि वे इस लड़ाई में जनता के साथ हैं।
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