MP में ममता हुई कलंकित: जिंदा नवजात बेटी को टॉयलेट में किया फ्लश, शीट तोड़कर निकाला शव, PM रिपोर्ट में रूह कंपा देने वाला खुलासा
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां एक अज्ञात महिला ने अस्पताल के शौचालय में नवजात को जन्म दिया और उसे जिंदा ही कमोड में फ्लश कर दिया। अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
छिंदवाड़ा जिले के परासिया सिविल अस्पताल में नवजात की हत्या का मामला।
Chhindwara Parasia Hospital Newborn Baby Girl Toilet Flushed Murder: मध्यप्रदेश केछिंदवाड़ा जिले के परासिया सिविल अस्पताल से एक ऐसी खबर आई है जिसने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया है। एक माँ ने अपनी ही नवजात बेटी को जन्म के तुरंत बाद मौत के घाट उतार दिया। मामला तब उजागर हुआ जब शौचालय के कमोड से पानी निकलना बंद हो गया और सफाईकर्मी ने वहां एक नन्हा हाथ फंसा देखा। 8 घंटे की लंबी मशक्कत और टॉयलेट सीट को तोड़ने के बाद मासूम का शव बाहर निकाला गया। इस घटना ने न केवल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति आज भी फैली नफरत की कड़वी सच्चाई को सामने ला दिया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि बच्ची की मौत पानी में डूबने से हुई, यानी उसे जिंदा फेंका गया था। पुलिस 26 सीसीटीवी कैमरों की मदद से संदिग्ध महिला की तलाश कर रही है।
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मासूम की चल रही थीं सांसें, शौचालय में बहाया
छिंदवाड़ा के परासिया सिविल अस्पताल में सोमवार को हुई इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली इस घटना ने पूरे मध्यप्रदेश को स्तब्ध कर दिया है। शुरू में इसे एक लावारिस शव का मामला माना जा रहा था, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट (Short PM) आने के बाद पुलिस और डॉक्टर्स के होश उड़ गए।
शॉर्ट पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, नवजात बच्ची की मौत जन्म के बाद नहीं हुई थी, बल्कि उसे जिंदा ही कमोड में फ्लश कर दिया गया था। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि बच्ची के फेफड़ों और पेट में पानी भरा था। मेडिकल साइंस के अनुसार, इसका मतलब है कि कमोड में गिरने के समय बच्ची की सांसें चल रही थीं और पानी में डूबने की वजह से उसने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
टॉयलेट के पाइप में फंसी थी नवजात, तोड़फोड़ के बाद निकला शव।
8 घंटे की मशक्कत के बाद निकला शव
घटना का पता सोमवार शाम को तब चला जब सफाईकर्मी ने देखा कि शौचालय का फ्लश ठीक से काम नहीं कर रहा है। गहराई से देखने पर उसे कमोड के अंदर एक नवजात का सिर और हाथ फंसा हुआ दिखाई दिया। अस्पताल प्रबंधन और पुलिस ने तुरंत नगर पालिका के कर्मचारियों को बुलाया। लगभग 7 से 8 घंटे तक टॉयलेट की सीट और पाइपों को तोड़ने का काम चला, जिसके बाद अंधेरा होने पर शव को बाहर निकाला जा सका।
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डॉक्टरों के मुताबिक- जांच में पाया कि मासूम की नाल (गर्भनाल) अब भी उसके शरीर से जुड़ी हुई थी। यह इस बात का प्रमाण है कि बच्ची का जन्म घटना के कुछ ही देर पहले हुआ था। आशंका है कि जांच कराने के लिए आई किसी महिला ने टॉयलेट में बच्ची को जन्म दिया है।
संदिग्ध महिला की तलाश कर रही पुलिस
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सोमवार को अस्पताल की ओपीडी में चेकअप के लिए 15 गर्भवती महिलाएं आई थीं। पुलिस ने इनमें से 14 महिलाओं की पहचान और वेरिफिकेशन कर लिया है। एक संदिग्ध महिला की जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है। पुलिस को आशंका है कि इसी महिला ने टॉयलेट में बच्ची को जन्म दिया और सबूत मिटाने के उद्देश्य से उसे फ्लश कर भाग निकली।
अस्पताल में लगे 26 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं। हालांकि, जिस टॉयलेट में यह घटना हुई, उसके ठीक बाहर कोई कैमरा नहीं था। अब एंट्री और एग्जिट गेट के फुटेज से संदिग्धों की पहचान की जा रही है। फिलहाल पुलिस ने नवजात के शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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