Advertisment

Bhopal PDS Scam:  गरीबों का राशन बेचने पर एक्शन, व्यापारियों पर लगाया 16 लाख का जुर्माना, लापरवाह ADM को खाद्य आपूर्ति से हटाया

भोपाल में गरीबों के 500 क्विंटल पीडीएस चावल को अवैध रूप से बेचने वाले दो व्यापारियों पर जिला प्रशासन ने जुर्माना 30 हजार से बढ़ाकर 16 लाख रुपए कर दिया है। ढिलाई बरतने के आरोप में एडीएम से खाद्य आपूर्ति अधिकार का प्रभार छीना गया है।

author-image
Vikram Jain
bhopal ration ghotala adm charge snatched 16 lakh fine pds rice seized hindi news zvj

Bhopal PDS Scam 16 Lakh Fine ADM Charge Removed: राजधानी भोपाल में गरीबों के हक के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) चावल की अवैध बिक्री के एक गंभीर मामले में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। दो व्यापारियों से 500 क्विंटल से अधिक चावल जब्त होने के बावजूद, जहां पहले एक एडीएम ने केवल ₹30 हजार का मामूली जुर्माना लगाकर मामले को दबाने की कोशिश की थी, वहीं कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने अब सख्ती दिखाई है। उन्होंने न केवल जुर्माने की राशि बढ़ाई बल्कि इस मामले में ढिलाई बरतने वाले एडीएम से खाद्य आपूर्ति का प्रभार भी छीन लिया है। वहीं 500 क्विंटल पीडीएस राशन बेचने के गंभीर अपराध में जुर्माना कार्रवाई  को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

Advertisment

15 लाख के जब्त राशन को 30 हजार में छोड़ा

यह पूरा मामला राजकुमार ट्रेडर्स (राजकुमार आसवानी) और महालक्ष्मी ग्रेन मार्ट (बिनोद रिझवानी) से जुड़े दो व्यापारियों से संबंधित है। खाद्य विभाग ने इन दोनों से क्रमशः 450 क्विंटल और 53 क्विंटल चावल जब्त किया था, जिसकी बाजार कीमत लगभग 15 लाख रुपए है। लेकिन, शुरुआती कार्रवाई में तत्कालीन एडीएम अंकुर मेश्राम ने जब्त किए गए 500 क्विंटल से अधिक चावल पर सिर्फ 30 हजार का जुर्माना लगाकर स्टॉक को छोड़ने का आदेश दे दिया था।

 ADM से छीना खाद्य आपूर्ति का प्रभार

गरीबों का 500 क्विंटल राशन मामले में 30 हजार रुपए जुर्माना लगाने का मीडिया में सामने आया तो कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए एडीएम अंकुर मेश्राम से खाद्य आपूर्ति अधिकार का प्रभार छीन लिया और यह जिम्मेदारी आईएएस सुमित पांडे को सौंप दी। नए एडीएम सुमित पांडे ने तुरंत रिकॉर्ड की जांच की और कानूनी प्रावधानों के तहत जुर्माने की राशि को बढ़ाकर 16 लाख रुपए तय किया।

पुराने आदेशों की भी होगी जांच

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने केवल जुर्माना बढ़ाने तक ही कार्रवाई सीमित नहीं रखी है। उन्होंने एडीएम अंकुर मेश्राम द्वारा लगाए गए पुराने जुर्मानों और आदेशों की भी जांच करने के निर्देश दिए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं अन्य मामलों में भी तो इसी तरह की ढिलाई नहीं बरती गई है।

Advertisment

नए आदेश के तहत, दोनों व्यापारियों को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 7(1)(ख) के तहत यह राशि 15 दिन के भीतर जमा करनी होगी। जुर्माना जमा न करने पर उनकी संपत्ति कुर्की और अंततः एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।

एफआईआर न होने पर उठ रहे सवाल

सरकारी राशन की अवैध खरीद-बिक्री आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 7 के तहत एक गंभीर अपराध है, जिसमें 3 महीने से 7 साल तक की जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान है।

इसके बावजूद, इस गंभीर अपराध में अब तक किसी भी व्यापारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है और न ही किसी को हिरासत में लिया गया है। सिर्फ जुर्माने तक सीमित शुरुआती कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।

Advertisment

नियमों के तहत लगाया भारी जुर्माना

इस गंभीर मामले में भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया कि खाद्य विभाग द्वारा दो व्यापारियों से जो पीडीएस राशन जब्त किया गया था, उसमें लगाई गई शुरुआती जुर्माना राशि कानूनी रूप से सही (विधिसंगत) नहीं थी। कलेक्टर ने कहा, "इसी कारण हमने पूरे प्रकरण का रिव्यू (पुनरीक्षण) किया और नियमों के तहत भारी जुर्माना लगाया है।" उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) भी दर्ज कराई जाएगी। यह कदम साफ करता है कि गरीबों के राशन की चोरी पर जिला प्रशासन कोई नरमी नहीं बरतेगा।

bhopal ration ghotala, Bhopal PDS Scam, Bhopal news, Bhopal Collector Kaushlendra Vikram Singh

bhopal news Bhopal Collector Kaushlendra Vikram Singh bhopal ration ghotala Bhopal PDS Scam
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें