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AIIMS Dr. Rashmi Verma Suicide Attempt Case Update।
Bhopal AIIMS Dr. Rashmi Verma Suicide Attempt Case Update: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. रश्मि वर्मा द्वारा आत्महत्या का कोशिश करने का मामला सामने आने बाद संस्थान में हड़कंप मचा हुआ है। डॉ. रश्मि की हालत अत्यंत नाजुक बनी हुई है। एनेस्थीसिया के हाई डोज के कारण उनका दिल 7 मिनट तक बंद रहा, जिससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन की गंभीर कमी (ग्लोबल हाइपोक्सिया) हो गई है, ब्रेन भी डैमेज हुआ है और वेंटिलेटर पर इलाज जारी है।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एम्स के डॉक्टर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आपात बैठक की है। प्रबंधन ने ट्रॉमा और इमरजेंसी विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट (HOD) डॉ. मोहम्मद यूनुस को पद से हटा दिया है, साथ ही एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया है जो पूरे मामले की विस्तृत जांच करेगी।
AIIMS की डॉ. रश्मि वर्मा ने किया सुसाइड अटेम्प्ट
राजधानी भोपाल में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रश्मि वर्मा ने एनेस्थीसिया का हाई डोज लेकर आत्महत्या का प्रयास किया था। डॉक्टरों के अनुसार, एनेस्थीसिया के हाई डोज के कारण डॉ. रश्मि वर्मा का दिल लगभग 7 मिनट तक धड़कना बंद हो गया था। कार्डियक अरेस्ट की इस स्थिति के कारण उनके मस्तिष्क को लंबे समय तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाई।
MRI रिपोर्ट ने किया खुलासा
रविवार को आई डॉ. रश्मि की एमआरआई रिपोर्ट ने इस गंभीर नुकसान की पुष्टि कर दी है। रिपोर्ट में 'ग्लोबल हाइपोक्सिया ब्रेन' की पुष्टि हुई है। ग्लोबल हाइपोक्सिया का तात्पर्य पूरे मस्तिष्क में ऑक्सीजन की गंभीर और लंबी कमी से है। डॉक्टरों का कहना है कि यह एक अत्यंत गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें रिकवरी की संभावना अनिश्चित रहती है और यह स्थायी क्षति का कारण बन सकती है। फ़िलहाल, डॉ. रश्मि वर्मा वेंटिलेटर पर हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
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HOD डॉ. मो यूनुस को पद से हटाया
डॉ. रश्मि वर्मा के इस कदम के पीछे विभागीय तनाव और प्रशासनिक दबाव को मुख्य वजह माना जा रहा है। इस मामले में विवाद बढ़ता देख, एम्स प्रबंधन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. मोहम्मद यूनुस को उनके पद से हटा दिया है। उन्हें एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट में अटैच किया गया है। अब ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग का अतिरिक्त चार्ज डीन एकेडमिक को सौंपा गया है।
सीरियस मिसकंडक्ट नोटिस बना वजह?
यह भी गौरतलब है कि डॉ. रश्मि को उनके डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. मोहम्मद यूनुस द्वारा 10 सितंबर 2025 को सीरियस मिसकंडक्ट (गंभीर कदाचार) का नोटिस दिया गया था। नोटिस और उससे संबंधित दस्तावेज सामने आने के बाद यह बहस तेज हो गई है कि क्या यह कार्रवाई केवल प्रशासनिक थी या इसके पीछे विभागीय राजनीति और मानसिक प्रताड़ना भी शामिल थी, जिसके कारण डॉ. रश्मि मानसिक रूप से परेशान थीं।
जांच के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन
मामले की गंभीरता को देखते हुए, एम्स प्रबंधन ने एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया है, जो इस पूरे मामले की गहनता से जांच करेगी। इस बीच, AIIMS के डॉक्टर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने एक आपात बैठक भी की है।
एम्स प्रबंधन में अब यह तैयारी चल रही है कि ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग को अलग-अलग कर दिया जाएगा। ट्रॉमा विभाग को न्यूरो विभाग के अधीन, जबकि इमरजेंसी मेडिसिन विभाग को मेडिसिन डिपार्टमेंट के अधीन किया जा सकता है। यह कदम संस्थान के भीतर की प्रशासनिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
इस आत्महत्या का प्रयास करने के मामले ने न सिर्फ एक मेडिकल इमरजेंसी खड़ी की है, बल्कि संस्थान के भीतर के प्रशासनिक दबाव और विभागीय खींचतान पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
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